वाह जाट समाज...जातियों को लड़ाने वालों पर जड़ दिया जोरदार तमाचा, अनाथ बेटी के सिर पर रखा हाथ, किया ये शुभ काम

राजस्थान में जाट समाज के घर से विदा होगी वाल्मिकी समाज की बेटी, अनाथ बेटी के सिर पर रखा हाथ। समाज के लोगों ने जी खोलकर दिए उपहार और दहेज। शानदार भोज का आयोजन भी होगा आज। इस वजह से सुर्खियों में आ रहा प्रदेश। जानिए क्या है मामला।

नागौर ( nagaur). जातिवाद छुआछूत जैसे मामलों से हमेशा सुर्खियों में रहने वाला राजस्थान इस बार नया इतिहास रचने जा रहा है। यहां के वाल्मीकि समाज की एक लड़की की शादी आज एक जाट के घर में होगी। पूरी शादी का खर्च भी जाट समाज ही उठाएगा। शादी के लिए पिछले करीब 10 दिन से घर में तैयारिया चल रही है। वही शादी का कार्ड भी सोशल मीडिया पर जमकर ट्रेंड हो रहा है। जिसमें विवाह स्थल का नाम जाखड़ भवन लिखा हुआ है। आज यही जाखड़ भवन इन वाल्मीकि दंपत्ति की शादी का साक्षी बनेगा। 

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महापुरुषों के स्लोगन लिखे कार्ड में, जाट समाज ही उठा रहा शादी का पूरा खर्च
दरअसल नागौर जिले के चाऊ गांव में रहने वाली वाल्मीकि समाज की लड़की पुष्पा के माता-पिता की कुछ सालों पहले मौत हो गई। गांव के ही देवाराम जाखड़ ने उसे पढ़ाया, लिखाया और अपनी बेटी की तरह रखा। और अब उसकी शादी का खर्चा भी उठा रहे हैं। खास बात तो यह है कि इस शादी में जो भी रस्में निभाई जा रही है वह जाट और वाल्मीकि समाज दोनों की ही है। कार्ड में विवाह स्थल का नाम जाखड़ भवन लिखवाया है। देवाराम ने बताया कि यदि वह चाहते तो इस शादी को कहीं और करने के लिए पैसे भी खर्च कर सकते थे। लेकिन उन्होंने जाति धर्म आदि के भेज को दूर करने के लिए यह शुरुआत की है। इतना ही नहीं इस शादी के कार्ड पर ज्योतिबा फुलेए डॉक्टर भीमराव अंबेडकर भगत सिंह और बिरसा मुंडा समेत कई महापुरुषों के स्लोगन भी लिखे गए हैं। जो समाज में जातिवादए छुआछूत न करने के हैं।

पूरे गांव में शादी को लेकर है उत्साह का माहौल
इस शादी का खर्च उठाने वाले देवाराम पेशे से किसान है। जिनका एक बेटा वर्तमान में सीआईएसएफ और दूसरा एयरफोर्स में है। शादी के मौके पर दोनों बेटे इसमें शामिल होने के लिए आए हैं। शादी को लेकर आज पूरे गांव में उत्साह का माहौल है। इतना ही नहीं प्रशासन भी इस पूरे मामले को सराहनीय बता रहा है। रिटायर्ड आईपीएस अशोक चौधरी का कहना है कि देवाराम जाखड़ ने समाज के सामने एक ऐसा उदाहरण पेश किया है। जो जातिवाद करने वालों के मुंह पर एक करारा जवाब है। उनके इस नेक काम से पाबूजी महाराज जैसे लोक देवता के काम याद आ रहे हैं। जो दूसरों के लिए जीने का संदेश देते थे।

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