दिव्यांगों की भलाई के लिए नारायण सेवा संस्थान ने वेबिनार का किया आयोजन, कोरोना से बचने के लिए दिए टिप्स

इस वेबिनार में दिव्यांगों और बच्चों के लिए सीएसआर शिक्षा के बारे में विशिष्ट वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए। इनमें एडिशनल डीसीपी जयपुर और नोडल ऑफिसर (निर्भया स्क्वाड) सुश्री सुनीता मीणा, आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और डिपार्टमेंट ऑफ इंटरनेशनल हेल्थ, जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी यूएसए के एडजंक्ट फैकल्टी डॉ गौतम साधु, डिलीवरी डायरेक्टर और एचआर हेड एटीसीएस इंडिया अमित कानूनगो और नारायण सेवा संस्थान के प्रेसीडेंट प्रशांत अग्रवाल और डिजिटल मार्केटिंग मैनेजर रजत गौड़ द्वारा संचालित किया गया।

Asianet News Hindi | Published : Jul 12, 2021 12:27 PM IST

जयपुर, 12 जुलाई, 2021- दिव्यांग लोगों की भलाई और उनकी बेहतरी के लिए प्रयास करने वाले  संगठन नारायण सेवा संस्थान ने ‘सीएसआर एजुकेशन फॉर डिफरेंटली एबल्ड एंड चिल्ड्रन’ थीम पर एक वेबिनार का आयोजन किया। इस वेबिनार का मुख्य उद्देश्य शिक्षा पर कोविड-19 महामारी के प्रभाव को समझाना और दिव्यांग बच्चों और छात्रों के लिए नवजात अवस्था में ही सामाजिक मूल्यों को बढ़ावा देना था। महामारी के बीच अनेक गैर सरकारी संगठन और बड़े और छोटे उद्यम लोगों की सहायता के लिए आगे आए और उन्होंने लोगों को निशुल्क भोजन, मास्क और परिवहन और अस्पताल की सुविधा प्रदान करके वंचितों की मदद करने का भरसक प्रयास किया।

इन लोगों ने दिव्यांगों और बच्चों दी सही जानकारी
इस वेबिनार में दिव्यांगों और बच्चों के लिए सीएसआर शिक्षा के बारे में विशिष्ट वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए। इनमें एडिशनल डीसीपी जयपुर और नोडल ऑफिसर (निर्भया स्क्वाड) सुश्री सुनीता मीणा, आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और डिपार्टमेंट ऑफ इंटरनेशनल हेल्थ, जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी यूएसए के एडजंक्ट फैकल्टी डॉ गौतम साधु, डिलीवरी डायरेक्टर और एचआर हेड एटीसीएस इंडिया अमित कानूनगो और नारायण सेवा संस्थान के प्रेसीडेंट प्रशांत अग्रवाल और डिजिटल मार्केटिंग मैनेजर रजत गौड़ द्वारा संचालित किया गया।

छोटे शहरों और गांवों में डिजिटल कौशल प्रशिक्षण की जरुरत
वेबिनार में विचार व्यक्त करते हुए एडिशनल डीसीपी जयपुर और नोडल ऑफिसर (निर्भया स्क्वाड) सुश्री सुनीता मीणा ने कहा, ‘‘कोरोना के बीच कुछ कंपनियां ने सामाजिक संगठनों के सहयोग से अनेक पाठ्यक्रमों का संचालन किया है, लेकिन जमीनी स्तर पर प्रशिक्षण देने के लिए ऐसे संगठनों का एक व्यापक परिसंघ बनाया जाना चाहिए। साथ ही, सीएसआर शिक्षा को ध्यान में रखते हुए छोटे शहरों और गांवों में महिलाओं विशेषकर युवा लड़कियों/महिलाओं में उद्यमिता का विचार विकसित करने के लिए डिजिटल कौशल प्रशिक्षण का आयोजन भी किया जाना चाहिए। विशेष रूप से ग्रामीण और शहरी युवा महिलाओं के लिए शिक्षक प्रशिक्षण जैसे कार्यक्रम विकसित करने की आवश्यकता है।

नारायण सेवा संस्थान हर समय दिव्यांगों की करता है मदद
नारायण सेवा संस्थान के प्रेसीडेंट प्रशांत अग्रवाल ने कहा, ‘‘सरकार और प्रमुख संगठन बेहतर करियर संबंधी निर्णय लेने में मूल्यों और कौशल को एकीकृत करके सीएसआर शिक्षा में एक तेजी से और प्रासंगिक रूप से अनुकूल वातावरण बनाने में मदद करते हैं। आने वाली पीढ़ियों के लिए स्थिरता, जिम्मेदारी और नैतिकता को बढ़ावा देना, क्यांकि ऐसा करना कोविड -19 परिदृश्य में समय की आवश्यकता भी है। अल्पकालिक और दीर्घकालिक कार्यक्रमों के माध्यम से, सीएसआर शिक्षा क्षेत्र इस क्षेत्र में प्रशिक्षित पेशेवरों की उपलब्धता को बढ़ावा देगा।’’

'दिव्यांगों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करना महत्वपूर्ण'
एटीसीएस इंडिया के डिलीवरी डायरेक्टर और एचआर हेड श्री अमित कानूनगो ने कहा, ‘‘वर्तमान दौर में कुछ नया सीखने की चाहत रखने वाले वंचित वर्ग के लोगों और दिव्यांगों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करना महत्वपूर्ण है। इन बच्चों के पालन-पोषण के लिए एक बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ एक ईको सिस्टम का विकास करना भी उतना ही जरूरी है। इस दिशा में हमें जमीनी स्तर पर काम करने वाले कई एनजीओ के साथ साझेदारी करके ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित बच्चों के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए।’’

 4 वर्षों में लगभग 50,000 करोड़ रुपये खर्च किए
आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और डिपार्टमेंट ऑफ इंटरनेशनल हेल्थ, जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी यूएसए के एडजंक्ट फैकल्टी डॉ गौतम साधु ने दिव्यांगों की बेहतरी की दिशा में नारायण सेवा संस्थान द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की। कंपनी बिल 2013 की धारा-135 की अनुपालना में कॉरपोरेट ने पिछले 4 वर्षों में लगभग 50,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। उन्होंने कोविड-19 महामारी की अवधि के दौरान पीएम केयर फंड और सीएम रिहैबिलिटेशन फंड में भी योगदान दिया है।

इन विषय पर है केंद्रित
उनके विश्लेषण में यह भी बताया गया कि सीएसआर के तहत अधिकतम कार्य एसडीजी -4 एसडीजी -1, एसडीजी -3 और एसडीजी -6 को कवर करते हैं जो शिक्षा और कौशल विकास, गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य देखभाल और पानी, स्वच्छता और स्वच्छता पर केंद्रित हैं।

 
 

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