गुर्जर आंदोलन: रेल पटरियों पर ही जला गुर्जरों का चूल्हा, नाश्ता से खाना तक बना..ये है आगे का प्लान

 आंदोलनकारियों ने सोमवार सुबह के समय ट्रैक पर ही चूल्हा जला लिया और चाय-पानी, बिस्किट की व्यवस्था भी यहीं पर की गई। इतना ही नहीं दोपहर से लेकर रात का भोजन भी पटरी पर ही बनाने की योजना है।  गुजर्रों ने बयाना हिंडौन स्टेट हाईवे को भी जाम कर दिया है।

Asianet News Hindi | Published : Nov 2, 2020 8:18 AM IST / Updated: Nov 02 2020, 01:52 PM IST

भरतपुर. राजस्थान गुर्जर आरक्षण आंदोलन थमने की बजाय उग्र होता जा रहा है। जिस तरह की तस्वीरें सामने आ रही हैं उसको देखकर यह अंदाजा लगाया जा रहा कि गुर्जरों आंदोलन को लंबा खींचने की योजना बना रखी है। क्योंकि उन्होंने रेलवे ट्रैक को ही अपना आशियाना जो बना लिया है। आंदोलनकारियों ने सोमवार सुबह के समय ट्रैक पर ही चूल्हा जला लिया और चाय-पानी, बिस्किट की व्यवस्था भी यहीं पर की गई। इतना ही नहीं दोपहर से लेकर रात का भोजन भी पटरी पर ही बनाने की योजना है।  आंदोलनकारियों ने बयाना हिंडौन स्टेट हाईवे को भी जाम कर दिया है।

गांव के लोग पटरी पर बना रहे गुर्जरों के लिए खाना
बता दें कि गुर्जर समुदाय के लोग जिस भी शहर की पटरी पर आंदोलन कर रहे हैं, वहीं के पास के गांव के लोग नाश्ते से लेकर खाने का इंतजाम कर रहे हैं। जहां पटरियों पर ही हने और खाने की व्यवस्था की जा रही है। सुबह जब यह आंदोलन शुरू हुआ तो लोगों को संख्या काफी कम थी। लेकिन दोपहर होने तक यहां गुर्जरों की भीड़ बढ़ती जा रही है। जहां दिनभर में उपयोग लाने वाली सारे सामान की व्यवस्था यहीं पर कर ली गई है। इस बार आंदोलन की कमान कर्नल बैंसला के साथ-साथ उनके बेटे विजय बैंसला भी संभाल रहे हैं।

 

अखबरा से लेकर सेविंग-कटिंग तक परटियों पर
इस आंदोलन के दौरान कुछ ऐसी तस्वीरें भी सामने आई हैं, जहां आंदोलनकारी अखबार से लेकर अपनी कटिंग-सेविंग तक यहीं पर बना रहे हैं। इस आरक्षण आंदोलन की मांग लिए बैठे कुछ गुर्जर शांति से धरना दे रहे हैं तो वहीं कुछ लोग उग्र होते जा रहे हैं।

गहलोत सरकार को चेतावनी के बाद शुरू किया आंदोलन
गुर्जर समाज के लोगों ने कुछ दिन पहले ही 1 नंवबर से  आंदोलन करने की चेतावनी दी थी। रविवार दोपहर तक तो समुदाय के लोग शांति से धरना देते रहे, लेकिन शाम होते ही इस आंदोलने उग्र रूप धारण कर लिया। बयाना, भरतपुर, कोटा और करौली में तोड़फोड़ जैसी घटनाएं भी सामने आई हैं।  हालांकि राजस्थान सरकार ने बड़ी मात्रा पुलिस फोर्स और प्रशासनिक अफसरों का अमला तैनात किया है।

 

ये हैं राजस्थान के गुर्जरों की मांगें...
1. राजस्थान के गुर्जर चाहते हैं कि बैकलॉग की भर्तियां निकालनी जाएं और उन भर्ती में गुर्जरों को 5 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए।
2.एमबीसी कोटे से भर्ती हुए 1200 कर्मचारियों को नियमित किया जाए।
3.आरक्षण को केन्द्र की 9वीं अनुसूची में शामिल किया जाए।
4. आंदोलन के सभी शहीदों के परिजन को सरकार के वादे के मुताबिक नौकरी, मुआवजा दी जाए।
5. आंदोलन के दौरान दर्ज सभी मुकदमों को वापस लिया जाए।

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