राजस्थान (Rajasthan) में एक गैंग का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने पांच लोगों को पकड़ा, जिन्होंने बताया कि गांव वालों को झांसे में लेकर फर्जी खाता (Fake Account) खुलवाते। फिर उसमें फेक ऐप (Fake App) से लेनदेन भी कराते और बाद में खाता बेच देते। अब तक देशभर में इस ऑनलाइन फ्रॉड (Online Fraud) से यह गैंग 8 करोड़ की रकम कमा का चुका है।
नई दिल्ली। राजस्थान (Rajasthan) के उदयपुर (Udaypur) से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां फर्जी ऐप (Fake App) बनाकर देशभर में लोगों को ठगा जा रहा था। चौंकाने वाली बात यह है कि इस मामले अभी तक पांच लोग पकड़े गए हैं और इन्होंने जो बताया, उसके बाद पुलिस वालों के पैरों तले जमीन खिसक गई।
राजनगर पुलिस ने दो युवकों को गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी पहले से गिरफ्तार तीन लोगों की ओर से मिले सुराग के बाद हुई। असल में पहले इन तीन लोगों की गिरफ्तारी कुछ लोगों की शिकायत के बाद हुई थी। इन कुछ लोगों ने पुलिस के पास यह शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके खाते अचानक बंद हो गए हैं। कुछ शुरुआती जानकारी लेकर पुलिस ने जांच शुरू की, तो मामला फर्जी ऐप और फर्जी खाता खुलवाकर ठगी का निकला।
इनके खुलासे ने पुलिस को चौंका दिया
पुलिस ने पहले तीन लोगों को शक के आधार पर गिरफ्तार किया। मगर यह शक पूछताछ में सही निकला। यही नहीं, इन्होंने अपने दो और साथियों के बारे में बताया। इन दो साथियों ने जो कबूला, वह हैरान करने वाला है। इन्होंने बताया कि देशभर में अलग-अलग जगहों से कई लोगों से फर्जी ऐप के आधार पर ठगी की गई और अब तक 8 करोड़ रुपए से ज्यादा की लूट हो चुकी है।
बात करके जीता भरोसा और फर्जी खाता खुलवा दिया
दरअसल, हाल ही में कुंभलगढ़ निवासी दीपचंद ने पुलिस के पास ठगे जाने की शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि युवकों ने फोन किया और अपनी बातों से इतना भरोसा जीता कि फर्जी बैंक खाते तक खुलवा लिए। यही नहीं, फर्जी ऐप भी इतना सटीक बनाया था कि इस खाते में पैसे का लेन-देन हो रहा था।
ज्यादातर गांव के लोग निशाने पर होते
ठगोरों का यह गैंग खासकर गांव के लोगों को निशाना बनाता। खुद को बैंक अधिकारी बताकर उनसे फर्जी खाते खुलवाते और फर्जी ऐप से ठगी के पैसे का लेनदेन होता था। बाद में इन खातों को बेच भी देते, जिससे उन्हें मोटी रकम मिलती। पुलिस ने अभी जिन्हें गिरफ्तार किया उनके नाम भीलवाड़ा के 27 साल के महिपाल सिंह और छगनलाल हैं।
ऐसे बच सकते हैं ठगी से
- बिना पहचान वाले किसी भी शख्स की बात पर आंख बंद करके भरोसा नहीं करें।
- किस बैंक में खाता खुलवाया जा रहा है, उसकी आपके घर से दूरी कितनी है, यह सब ब्रांच में जाकर देखें।
- अपने कोई भी दस्तावेज जमा करने से पहले बैंक में जाकर मैनेजर से मिलें। खाते संबंधी हर छोटी-बड़ी बात उनसे समझें।
- घर में या किसी परिचित में किसी पढ़े-लिखे शख्स से बैंक की अन्य शाखाओं और उसकी नीतियों की जानकारी हासिल करें। बैंक सही है या नहीं, चिटफंड बैंक तो नहीं। बाजार में उसकी क्रेडिबिलिटी कितनी है, यह चेक करें।
- किसी भी ऐप को यूं ही डाउनलोड नहीं करें। डाउनलोड करने से पहले गूगल प्ले स्टोर पर देखें की वह ऐप सिक्योर है या नहीं। साथ ही, उससे जुड़े रिव्यू भी चेक करें। उसे कितनी रेटिंग दी गई है यह भी जांच लें। पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद ही उसे डाउनलोड करें।
Anydesk App डाउनलोड करने से बचें
अक्सर बैंक एडवाइजरी जारी करते रहते हैं। कुछ बैंकों की ओर से एडवाइजरी जारी करके बार-बार कहा गया है कि मोबाइल फोन में किसी भी हाल में Anydesk App डाउनलोड नहीं करें। इसके जरिए ग्राहकों की यूपीआई सेवा का प्रयोग कर ठगी की जा रही है। इस ऐप से किसी दूसरे शख्स के फोन या कंप्यूटर को नियंत्रित किया जा सकता है।
किन और बातों का ध्यान रखना जरूरी
- किसी भी तरह की संदिग्ध लग रही कॉल या मैसेज से अलर्ट रहिए। कोई अपरिचित व्यक्ति किसी भी तरह का सॉफ्टवेयर या ऐप डाउनलोड करने के लिए कहे, तो बिना जांचे-परखें ऐसा बिल्कुल मत किजिए। - खुद से जुड़ी कोई भी निजी और संवेदनशील जानकारी शेयर नहीं करें।
- यदि किसी वजह से Anydesk App डाउनलोड करना भी पड़े तो काम करके उसे तुरंत हटा दिया करें। ऐसा ही हर बार करें। खासकर, हमेशा यह भी चेक करें कि ऐप पूरी तरह से अनइंस्टाल हो गय है न।
- मोबाइल फोन, फोन बैंकिंग और सभी तरह के पेमेंट ऐप को लॉक करके रखें। ऐप लॉक का कोड किसी से भी शेयर नहीं करें। समय-समय पर इन ऐप लॉक को बदलते रहें।
- किसी भी तरह की गड़बड़ी महसूस होने पर तुरंत बैंक को सूचित करें और खाते को अस्थायी तौर पर बंद करा दें।
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