रोता-गिड़गिड़ता रहा...इतना मारा की बेहोश हो गया, पाली मेडिकल कॉलेज में सीनियर्स ने जूनियर पर बरपाया कहर

राजस्थान के पाली मेडिकल कॉलेज में  एक बार फिर रैगिंग का मामला सामने आया है। आरोप है कि एमबीबीएस के सीनियर छात्रों ने जुनियर स्टूडेंट की जमकर पिटाई की। यह सब एक फ्रेशर पार्टी के दौरान हुआ। एक को मुर्गा बनाकर उसे इतनी बुरी तरह पीटा कि वह बेहोश हो गया। 

Arvind Raghuwanshi | Published : Jul 12, 2022 5:56 AM IST / Updated: Jul 12 2022, 11:28 AM IST

पाली (राजस्थान). पाली कॉलेज में कॉलेज शुरू होने के बाद पहली बार रैगिंग का मामला सामने आया है। रैगिंग लेने के चक्कर में सीनियर स्टूडेंट्स ने एक युवक को मुर्गा बनाकर उसे इतनी बुरी तरह पीटा कि वह बेहोश हो गया। सीनियर उसे लगातार धमकी भी देते रहते। मामले में अब कॉलेज की जूनियर्स ने प्रिंसिपल को शिकायत दी है। वहीं इस मामले में कॉलेज प्रिंसिपल भी आरोपी स्टूडेंट्स का ही साथ देने में लगे हुए हैं। 

दो दर्जन स्टूडेंट हुए घायल
कॉलेज में सेफ्टी गार्ड लगाने की बजाय कॉलेज प्रिंसिपल दीपक वर्मा केवल कमेटी द्वारा मामले की जांच का आश्वासन दे रहे हैं। जबकि मामला उजागर हुआ तो सीनियर स्टूडेंट्स ने सभी जूनियर्स को हॉस्टल बुलाया। जहां दोनों के बीच जमकर मारपीट हुई। गुस्साए सीनियर्स ने जूनियर हॉस्टल के दरवाजों और कमरों में जमकर तोड़फोड़ की। जिसमें करीब दो दर्जन स्टूडेंट घायल भी हुए हैं। इस मामले में जूनियर्स का कहना है कि कुछ फैकल्टी भी उनके साथ मिली हुई है। वहीं जूनियर हॉस्टल के बाहर एक गार्ड भी तैनात था जिसके साथ सीनियर्स ने मारपीट की और उसका मोबाइल छीनकर भाग गए। 

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यहां से शुरू हुआ था विवाद
दरअसल, पाली के मेडिकल कॉलेज में 2019 और 2020 बैच के स्टूडेंट्स ने 26 अप्रैल को एक फ्रेशर पार्टी का आयोजन। इसमें उन्होंने 2018 बैच के सीनियर्स को नहीं बुलाया। ऐसे में इस बात से नाराज 2020 बैच के स्टूडेंट्स ने 2019 बैच के स्टूडेंट्स को अपने साथ शामिल कर लिया और लगातार 2020 बैच के स्टूडेंट्स के साथ रैगिंग करते हुए आ रहे हैं। कॉलेज में हो रहे इस माहौल से जूनियर्स में डर है। वहीं इस मामले में कॉलेज प्रिंसिपल दीपक का कहना है कि रैगिंग का कोई भी मामला नहीं आया है। फुटबॉल खेलने के दौरान दो गुटों के बीच विवाद हुआ था। 

राजस्थान से आए दिन सामने आते हैं ऐसा मामले
गौरतलब है कि राजस्थान में कॉलेजों में रैगिंग पर लगी पाबंदी के बाद यह पहला मामला नहीं है जब जूनियर्स पर इस तरह से हमला किया गया हो। इससे पहले भी जयपुर, कोटा समेत कई प्राइवेट और मेडिकल कॉलेज में रैगिंग के ऐसे ही कई मामले सामने आए हैं। लेकिन उनपर कोई उचित कार्यवाही नहीं हो पाई है।

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