
राजसमंद (राजस्थान). कोरोना के खौफ के बीच राजस्थान से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। जहां मंदिर के एक संत ने आश्रम में लगे पीपल के पेड़ पर फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। बता दें कि वह खुद पर लगे रेप के झूठे आरोप से परेशान थे।
संत ने मरने पहले बनाया था वीडियो
दरअसल, यह खौफनाक घटना राजसमंद जिले के गुणिया गांव की है। जहां संत प्रेमदास (50) ने सोमवार सुबह फांसी के फंदे पर लटकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने मरने से पहले वीडियो बनाकर खुद पर लगे दुष्कर्म को झूठा बताते हुए इसको सोशल मीडिया पर डाला दिया। इसके अलावा संत ने वीडियो में एक दंपती और महिला आयोग की सदस्या पर उनसे रुपए वसूलने का आरोप भी लगाया। बता दें कि वह यहां के एक महादेव मंदिर में पूजा करते थे।
चार दिन पहले संत के खिलाफ दर्ज हुई थी FIR
पुलिस अधिकारी लक्ष्मण सिंह चुंडावत ने बताया- प्रेमदास के खिलाफ 21 मई को दिवेर थाने में शिकायत दर्ज हुई थी, जहां उन पर एक युवती को नशीला पेय पिलाकर रेप करने का आरोप लगा था। पुलिस ने फिलहाल मृतक का शव कब्जे में लेकर ग्वालियर में रहने वाले परिजनों को इसकी खबर दे दी है।
यह है पूरा मामला
जानाकारी के मुताबिक, गुणिया गांव के रहने वाले एक दंपती 20 अप्रैल को संत प्रेमदास के आश्रम में पेट दर्द की समस्या लेकर गए थे। एक माह बाद पति ने पत्नी को फिर से संत के पास जाने को कहा। इसके बाद महिला ने लौटकर पति को बताया कि बाबा ने कुछ नशीली चीज पिलाकर मेरे साथ रेप किया। इसके बाद पति-पत्नी ने संत के खिलाफ मामला दर्ज करवाया। जब पुलिस उसको पकड़ने के लिए आश्रम पहुंची तो वह वहां पर नहीं मिला। सोमवार के दिन किसी ने पुलिस को सूचित कर फिर बुलाया। लेकिन देखा तो वह पीपल के पेड़ से लटका मिला।
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