जोधपुर हिंसा पर सियासी घमासान : सतीश पूनिया का अशोक गहलोत से सवाल, मुख्यमंत्री बताएं भगवाना लहराना कैसा अपराध

जोधुपर में दो अप्रैल को देर रात हुई हिंसा के बाद शहर के हालात बिगड़ गए। दो गुटों ने एक दूसरे के ऊपर जमकर पत्थरबाजी करते हुए तोड़फोड़ की। शहर के 10 से ज्यादा थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। कर्फ्यू वाले क्षेत्रों में इंटरनेट सेवा भी बंद है। 

जोधपुर : राजस्थान (Rajastha) के जोधपुर (Jodhpur) में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद सियासत भी चरम पर है। बीजेपी इस मुद्दे को लेकर राज्य की गहलोत सरकार पर हमलावर है। इस घटना को लेकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया (Satish Poonia) जालोरी गेट पहुंचे, अस्पताल में जाकर घायलों का हालचाल जाना, पीड़ितों से मुलाकात की और सरकार पर निशााना भी साधा। उन्होंने कहा कि जोधपुर वह शहर है जिसने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) को बहुत ऊंचाई दी है। उन्हें ऐसे हालात में राजधर्म निभाना चाहिए। 

भगवा फहराना कौन सा अपराध
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हनुमान चालीसा पढ़ना कौन सा अपराध है? भगवाना लहराना और फहराना अपराध है क्या? घर के बाहर प्रदर्शन करना भी अपराध है तो मुख्यंत्री कौन से लोकतंत्र की बात करते हैं। मेरा मानना है कि सबसे ज्यादा तो जोधपुर में ही लोकतंत्र खतरे में है। मुख्यमंत्री को आज यहां होना चाहिए था। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने दोषी लोगों को गिरफ्तार करने में देरी की है। जबकि वे उनकी निगाह में थे। सरकार ऐसा इस घटना को संतुलित करने का प्रयास कर रही है।

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दोषी कोई और निर्दोष पर एक्शन क्यों
सतीश पूनिया ने कहा कि दोष एक ने किया है लेकिन बाकी निर्दोष लोगों को भी पकड़ा जा रहा है। यह साबित करने का प्रयास किया जा रहा है कि दोनों तरफ के लोगों ने गलती की है। जबकि इस पूरी घटना में दूसरा पक्ष था ही नहीं। एक ही पीडित पक्ष था और एक प्रताड़ित करने वाला पक्ष था। सरकार के देखने और करने के नजरिए अलग है चश्मा भी अलग-अलग है। मुख्यमंत्री जी को राजस्थान और जोधपुर में राजधर्म निभाना चाहिए। पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री कहते है कि यह छिटपुट घटना थी तो पैर तोड़ देना, चाकूबाजी करना, आगजनी करना अगर छिटपुट घटना है तो बाकी घटना कैसे होती होगी?

यह इंटेलीजेंस फेलियर - बीजेपी
पूनिया ने आरोप लगाया कि जिस तरह से सोमवार रात को घटना हुई वह बताता है कि इंटीलेंजेस फेलियर था। जिसकी वजह से पुलिस भी निशाना बनी। पुलिसकर्मियों को पिटा गया। सरकार की खामी तो थी लेकिन पुलिस ने कुछ करना चाहा होगा तो राजनीतिक दखल के कारण पुलिस मुखर होकर कार्रवाई नहीं कर पाई होगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान में जोधपुर में जो हुआ है वह पहली बार नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सियासी तरीके अन्य मुदों की बजाय तुष्टीकरण की राजनीति कर प्रभावित कर रहे हैं। वे बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक के नजरीए से देखते हैं।

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