
सीकर (राजस्थान). हाल ही में थाईलैंड में हुई ओपन पेरा बोल्विंग चैंपियनशिप में सीकर की पैरा खिलाड़ी पूजा सीमार ने ब्रोंज मेडल हासिल किया है। थाईलैंड में करीब 1 सप्ताह तक चली इस चैंपियनशिप में सीकर की बेटी ने करीब 7 मुकाबले खेले। हालांकि उसे इस चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल ही मिला हो। लेकिन उसकी संघर्ष की कहानी किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं है।
माता-पिता करते हैं मजदूरी...फिर भी बेटी ने नहीं मानी हार
पूजा और उसके भाई सांवरमल दोनों का इस चैंपियनशिप में सिलेक्शन हुआ। माता पिता के मजदूरी के काम करने के कारण दोनों की परिवार की हालत तो यह भी नहीं थी कि दोनों कहीं जाकर प्रैक्टिस करने पर। ऐसे में दोनों ने प्लास्टिक की खाली बोतल लेकर उन पर थ्रो कर प्रैक्टिस करना शुरू। अब जैसे तैसे दोनों भाई-बहनों ने प्रैक्टिस करना शुरू कर दिया। लेकिन अब सबसे बड़ा संकट आ गया कि आखिरकार थाईलैंड जाने के लिए पैसों की व्यवस्था कैसे होगी।
माता-पिता ने कर्ज लेकर भेजा थाईलैंड
ऐसे में परिवार ने दोनों के खर्च का अनुमान लगाया तो वह करीबी 2.64 लाख रुपए आया। परिवार ने यह रुपए किसी से उधार लिए। इसके बाद दोनों के थाईलैंड जाने का प्रबंध हुआ। लेकिन अंत में हुआ यह कि पूजा की कोच सरिता बावरिया का पासपोर्ट चोरी हो गया। ऐसे में पूजा को बिना कोच ही थाईलैंड जाना पड़ा। यदि कोच साथ जाती तो पूजा इस चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल भी हासिल कर लेती है।
भाई ने भी बिना जूतों के दौड़कर जीता था मेडल...
गौरतलब है कि पूजा सीकर के खाटूश्यामजी इलाके की रहने वाली है। परिवार की आर्थिक हालत इतनी बुरी है कि उसे ढंग से प्रैक्टिस भी नहीं करवा सकते। ऐसे में पूजा और उसके भाई ने अपने ही बलबूते सड़कों पर दौड़ते और खुले मैदानों में बिना जूतों के प्रैक्टिस कर कई मेडल जीते हैं।
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