राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले से अनोखा मामला सामने आया है। जहां एक बंदर के बच्चे के सिर में लोटा फंस गया। इससे बंदर का बच्चा दो दिन तक परेशान रहा, उसकी मां दो दिन तक चीने से चिपकाए इधर से उधर घूमती रही, निकालने के लिए वन विभाग को भी खासी मशक्कत करनी पड़ी।
जयपुर. राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले से कुछ वीडियो सामने आए हैं। इन वीडियो में एक बंदर के बच्चे के सिर में फंसा हुआ लोटा दिखाई दे रहा है। इसे निकालने में वन विभाग वालों और आसपास रहने वाले युवाओं के पसीने छूट गए। दो दिन ले इस लोटे को निकालने में , लेकिन दो दिन के बाद आखिर इसे निकाल दिया गया। पूरा घटनाक्रम रविवार का बताया जा रहा है।
दो दिन पीछे पीछे घुमते रहे वन विभाग वाले, बात नहीं बनी
दरअसल प्रतापगढ़ जिला मुख्यालय के नजदीक स्थित बसाड़ गांव में यह घटना घटित हुई। गांव में पानी पीने का एक लोटा ग्रामीण की छत पर रखा था। छत पर लोटे से पानी पीने के दौरान बंदर के बच्चे का सिर उसमें फंस गया। सिर को निकालने के लिए ग्रामीण ने कोशिश की लेकिन बंदर ने उस पर हमला कर दिया। डर के मारे ग्रामीण वहां से भाग गए। बाद में गांव के युवाओं ने कोशिश की। बंदर को खाने की वस्तुएं दीं। वह खाती रही, लेकिन हाथ नहीं आई। लोटे में फंसे हुए बच्चे को लेकर कभी पेड पर तो कभी मकानों की दीवारों पर कूदती फांदती रहीं। इस दौरान बच्चा भी अचेत होने लगा।
गांव वालों ने पुराना नुस्खा दिया तब काम बना
वन विभाग के कार्यवाहक एसीएफ दारासिंह ने बताया कि दो दिन तक परेशान हो गए। न तो माता बंदर पिंजरे में आ रही थी और न ही किसी दूसरी तरह से पकड में आ रही थी। इस पर गांव वालों ने नुस्खा दिया कि नींद की गोली केले में डालकर दो। नुस्खा अपनाया। जहां माता बंदर थी वहां पर केले फेंके गए नींद की गोलियों का पाउडर डालकर। नुस्खा काम कर गया। केले खाने के दो घंटे बाद माता बंदर पूरी तरह से अचेत हो गई। उसके अचेत होने ही बच्चे को गोद से लिया और फटाफट लोटा सिर से निकाल दिया। बच्चे की हालत खराब थी। दो दिन से उसका दम घुट रहा था, खाने को भी कुछ नहीं मिला था। बच्चे को ड्रिप चढाई गई, वह कुछ सही हुआ तो उसका इलाज कर उसकी मां के हवाले किया गया। जब बंदरों ने केले खाए तो मादा बंदर के अलावा अन्य भी अचेत हो गए थे। लेकिन कुछ देन के बाद सभी होश में आ गए थे।