
प्रतापगढ़ (राजस्थान). हम बीमार होते हैं तो क्या करते हैं....? आपका जवाब यही होगा कि डॉक्टर के पास जाकर दवा लेते हैं और फिर तीन से पांच दिन में सही हो जाते हैं। लेकिन राजस्थान के कुछ पिछड़े जिलों के अति पिछड़े इलाकों में मामूली बीमारी का इलाज भी इतना खौफनाक है कि इलाज देखकर आपकी हालात और खराब हो जाएगी। इलाज के दौरान कई बार तो मौत तक हो जाती है। सात साल के एक बच्चे की भी इलाज के दौरान इसी तरह से मौत हो गई है। अब पुलिस ने उसके पिता के खिलाफ पहले केस दर्ज किया है। अन्य लोगों की भूमिका की भी जांची जा रही है।
भरत को सिर्फ खासी जुकाम हुआ था, शरीर पर चालीस जगहों पर गर्म सरिया चिपका दिया
दरअसल, राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के सालमगढ़ थाना क्षेत्र का यह पूरा मामला है। सालमगढ़ पुलिस ने फिलहाल बच्चे के पिता पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कराया है। पुलिस ने बताया कि कस्बे में रहने वाले सात साल के बच्चे भरत को करीब एक महीने पहले मामूली खांसी जुकाम हुआ था। परिवार ने उसे अस्पताल में नहीं दिखाया कई दिनों तक घर में ही इलाज करते रहे। इस कारण बच्चे की तबियत और बिगड़ गई और उसके दौरे पडने लग गए। परिवार वालों ने फिर भी उसे अस्पताल में नहीं दिखाया। तबियत और बिगडने लगी तो पिता उसे लेकर गांव के बाहर एक तांत्रिक के पास चले गए।
पिता और तांत्रिक ने चालीस जगहों गर्म सरिया चिपकाया...मासूम रोते-रोते बेहोश हो गया
बता दें कि तांत्रिक ने कुछ झाड फूंक की और उसके बाद बच्चे को गर्म सरिए से दागना शुरु कर दिया। उसे गर्दन, पेट, पीठ और पैरों के अलावा कमर के नजदीक भी गर्म डाम से दाग दिया। वह रोता रहा और रोता रोता बेहोश हो गया। इस दौरान पिता उसे पकडकर बैठे रहे। फिर से घर ले आया गया। लेकिन दो दिन बार गहरा इंफेक्शन हो जाने के कारण बच्चे को एमपी के रतलाम में एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां पर इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इसकी सूचना कल शाम सालमगढ़ पुलिस को किसी से मिली तो पुलिस ने बच्चे के पिता के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर लिया है।
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