गुरुवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य का बजट पेश किया। इस दौरान उन्होंने यूथ के लिए 53,151 पदों की भर्ती का किया ऐलान।
जयपुर, राजस्थान. बस्ते के बोझ से बच्चों को कम से कम एक दिन निजात दिलाने राजस्थान सरकार ने बजट में विशेष पहल की है। यानी शनिवार को अब स्कूलों में पढ़ाई-लिखाई नहीं होगी। यानी बच्चों को बस्ता लेकर स्कूल नहीं जाना होगा। इस दिन साहित्यिक गतिविधियां, पैरेंट्स-टीचर मीटिंग और बालसभाएं होंगी। इससे बच्चों का हुनर निखारने में मदद मिलेगी। गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य का बजट पेश किया। हालांकि इस दौरान भी उन्होंने केंद्र की आर्थिक नीतियों पर तंज कसना नहीं छोड़ा। राज्य सरकार ने अपना बजट 7 संकल्पों में पिरोया है। मुख्यमंत्री ने यूथ को रोजगार देने के मकसद से 53,151 पदों की भर्ती का ऐलान किया। सरकार ने अल्पसंख्यकों को रिझाने उनके बच्चों के अलग से हॉस्टल के लिए 41 करोड़ 60 लाख के बजट का ऐलान भी किया। याद रहे अशोक गहलोत पहले राजनीति से पहले जादूगर थे।
पहले जानें क्या हैं सरकार के 7 संकल्प..
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट पेश करते वक्त एक शेर पढ़ा-
जिंदगी की असली उड़ान अभी बाकी है।
अपने इरादों का इम्तिहान अभी बाकी है।
अभी तो नापी है मुट्ठी भर जमीं
आगे अभी सारा आसमां बाकी है।
इसके जरिये मुख्यमंत्री ने कांग्रेस सरकार के इरादे स्पष्ट कर दिए। गहलोत ने बजट को 7 संकल्पों में बांधा है। इनमें पहला-निरोगी राजस्थान, दूसरा-संपन्न किसान, तीसरा-महिला, बाल और वृद्ध कल्याण, चौथा-सक्षम मजदूर, छात्र, युवा, जवान, पांचवां-शिक्षा का परिधान,
छठवां-पानी, बिजली और हितों का मान और सातवां-कौशल एवं तकनीकी प्रधान है।
अब जानें बजट के मुख्य बिंदू
यह कहा मुख्यमंत्री ने