राजसमंद का एक 16 साल के लड़का इतनी शानदार बॉलिंग करता है कि कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी उसके मुरीद हो गए। इतना ही नहीं राहुल ने सीएम अशोक गहलोत से इस लड़के को आगे बढ़ाने की बात भी कही है।
राजसमंद (राजस्थान). ट्विटर पर ट्रेंड एक वीडियो ने राजसमंद के एक 16 साल के लड़के को महज कुछ घंटों में ही सेलिब्रिटी बना दिया है। केवल 6 सेकंड की वीडियो में 16 साल के लड़के की बॉलिंग इतनी जबरदस्त थी कि कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी इस के मुरीद हो गए। जिन्होंने टि्वटर पर अशोक गहलोत से 16 साल के लड़के को आगे बढ़ाने की बात कही है।
इस लड़के का भारत की क्रिकेट टीम में गेंदबाजी करने का लक्ष्य
दरअसल मामला राजसमंद जिले का है। यहां के गुड़ा गांव का रहने वाला भरत जो 12 वीं कक्षा में पढ़ता है। उसे भारत की टीम में गेंदबाजी करने का लक्ष्य है। गरीब घर पर होने के चलते उसके पास साधन नहीं है। ऐसे में वह मछली पकड़ने वाले जाल से नेट बनाकर अपने गांव में ही प्रैक्टिस कर रहा है। इसका यह वीडियो मीडिया ग्रुप से जुड़े एक रिपोर्टर ने अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया। जिसके बाद इस वीडियो ने सुर्खियां बटोरना शुरू कर दिया।
2 सालों से बॉलिंग की कर रहा है जमकर प्रैक्टिस
भरत पिछले 2 सालों से बॉलिंग की प्रैक्टिस कर रहा है। अब वह गेंदबाजी में इतना परफेक्ट हो गया है कि केवल एक स्टैंप लगाकर ही विकेट गिरा देता है। शुरुआत में उसने 1 साल तक के पहले टेनिस की बॉल से प्रेक्टिस करना शुरू किया। घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। ऐसे में भरत के मामा ने उसे अपने पास बुला लिया। लेकिन वह उसे एकेडमी ज्वाइन नहीं करवा सके। ऐसे में उन्होंने उसे लेदर की बॉल दिला दी। पिछले 1 साल से भरत इसी से प्रेक्टिस कर रहा है।
माता-पिता दोनों खेती का काम करते हैं
भरत का कहना है कि उसे बचपन से ही क्रिकेट का शौक था उसमें भी खासकर गेंदबाजी। जिसके बाद उसने अपनी पढ़ाई के साथ-साथ क्रिकेट खेलना भी जारी रखा। भरत अपने चार भाइयों में सबसे बड़ा है। माता-पिता दोनों खेती का काम करते हैं।
क्या सीएम गहलोत राहुल गांधी के कहने पर लड़के की मदद करेंगे
वहीं अशोक गहलोत ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के ट्वीट पर भरत को आगे बढ़ाने की बात तो कही है। लेकिन अब देखना होगा कि क्या असल में सरकार भरत को खेल में आगे ले जाने के लिए कुछ कर पाती है या नहीं। क्योंकि राजस्थान हमेशा से ही खेलों में पीछे रहा है। अधिकतर जिलों में तो हालात यह है कि कई के गेमों के कोच ही नही है।