
जयपुर, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM ashok gehlot) आज राज्य का बजट 2022-23 पेश (Rajasthan Budget 2022-23) किया। इस बजट में कई घोषणाओं का एलान किया गया है। जिसमें प्रदेश के किसानों से लेकर महिलाओं के लिए कई बड़ी सौगाते दी हैं। वहीं सीएम गहलोत ने विधानसभा चुनाव से एक साल पहले एक बड़ा दांव चला है। राज्य के लाखों सरकारी कर्मचारियों को खुश करने के लिए पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने का भी ऐलान किया। बता दें कि यूपी विधानसभा चुनाव में भी ये बड़ा मुद्दा बना हुआ है।
सीएम ने यूं दी कर्मचारियों को सौगात
दरअसल, सीएम अशोक गहलोत ने बजट में कर्मचारियों को बड़ी सौगात देते हुए अपने बजट में सरकार कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ देने का ऐलान किया है। सीएम गहलोत ने कहा-हम सभी जानते हैं सरकारी सेवाओं से जुड़े कर्मचारी भविष्य के प्रति सुरक्षित महसूस करें तभी वे सेवाकाल में सुशासन के लिए अपना अमूल्य योगदान दे सकते हैं। अतः 1 जनवरी 2004 और उसके पश्चात नियुक्त हुए समस्त कार्मिकों के लिए मैं आगामी वर्ष से पूर्व पेंशन योजना लागू करने की घोषणा करता हूं।
यूपी प्रचार में बना था ये बड़ा मुद्दा
बता दें कि सीएम गहलोत के पुरानी पेंशन बहाल करने के मामले को मास्टर स्ट्रोक बताया जा रहा है। क्योंकि हाल ही में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में प्रचार के दौरान समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने एक रैली के ऐलान करते हुए कहा था अगर उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनती है तो पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल कर दिया जाएगा।
ऐसे जानिए नई और पुरानी पेंशन में क्या है अंतर
1. पुरानी पेंशन स्कीम
- जीपीएफ की सुविधा
- पेंशन के लिए वेतन से कटौती नहीं
- रिटायरमेंट पर निश्चित पेंशन यानी अंतिम वेतन का 50 फीसद गारंटी
- पूरी पेंशन सरकार देती है
- रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी
- नौकरी के दौरान मृत्यु पर डेथ ग्रच्युटी की सुविधा जो सातवें वेतन आयोग ने 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख कर दी
- नौकरी के करते वक्त मृत्यु होने पर आश्रित को पारिवारिक पेंशन एवं नौकरी
- 6माह बाद महंगाई भत्ता, जीपीएफ से लोन लेने की सुविधा
- जीपीएफ निकासी
- रिटायरमेंट के बाद मेडिकल भत्ता
2. नई पेंशन स्कीम
- जीपीएफ की सुविधा नहीं है
- वेतन से प्रतिमाह 10 फीसद कटौती
- निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं, शेयर बाजार व बीमा कंपनियों पर निर्भर
- नई पेंशन बीमा कंपनी देगी
- रिटायरमेंट के बाद मेडिकल भत्ता बंद, मेडिकल बिलों की प्रतिपूर्ति नहीं होगी
- पारिवारिक पेंशन खत्म
- लोन की कोई सुविधा नहीं
- रिटायरमेंट पर अंशदान की जो 40 फीसद राशि वापस मिलेगी, उस पर आयकर लगेगा
- नई पेंशन स्कीम पूरी तरह शेयर बाजार पर पर आधारित, जो जोखिम पूर्ण है
- महंगाई व वेतन आयोग का लाभ नहीं मिलेगा
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