ज्ञानदेव आहूजा ने अपनी ही पूर्व मुख्यमंत्री को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, अब समय आ गया है जब वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री बनने का मोह त्याग देना चाहिए। उन्हें राज्य के बजाय केंद्र चले जाना चाहिए और मंत्री बन जाना चाहिए। इससे राजस्थान में किसी युवा या किसी अन्य को मुख्यमंत्री बनने का मौका मिलेगा।
जयपुर : विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान बीजेपी में सियासी खींचतान तेज हो गई है। कुर्सी की लड़ाई अंदरखाने साफ-साफ नजर आने लगी है। खुद को रेस में आगे बताने की कवायद शुरू है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा (Gyan Dev Ahuja) के एक बयान ने सियासी हलचल तेज कर दी है। आहूजा ने पूर्व मुख्मंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) को सीएम न बनने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि वसुंधरा को यहां का मोह छोड़ केंद्र जाना चाहिए। वहीं, दूसरी तरफ बात करें तो कांग्रेस की तरफ से लगातार वसुंधरा की तारीफ के पुल बांधे जा रहे हैं, जिससे सियासत का रंग बदला-बदला सा नजर आ रहा है।
'अब मुख्यमंत्री बनने का मोह छोड़ें वसुंधरा'
ज्ञानदेव आहूजा ने अपनी ही पूर्व मुख्यमंत्री को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, अब समय आ गया है जब वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री बनने का मोह त्याग देना चाहिए। उन्हें राज्य के बजाय केंद्र चले जाना चाहिए और मंत्री बन जाना चाहिए। इससे राजस्थान में किसी युवा या किसी अन्य को मुख्यमंत्री बनने का मौका मिलेगा। ज्ञानदेव आहूजा अलवर के रामगढ़ से विधायक रह चुके हैं। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी में किसी प्रकार का मतभेद और मनभेद न हो। सभी एकजुट होकर अगली बार कांग्रेस की सत्ता को उखाड़ने का काम करें। बता दें कि ज्ञानदेव आहूजा अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं। अब उनके इस बयान से बीजेपी के अंदरखाने की कलह बाहर दिखाई देने लगी है। आहूजा का ये बयान ऐसे समय आया है जब 8 मार्च को वसुंधरा राजे के जन्मदिन पर भव्य आयोजन की तैयारियां चल रही हैं।
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कांग्रेस वसुंधरा की तारीफ कर रही
इधर, भाजपा में चल रही खींचतान के बीच इन दिनों सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) समेत कांग्रेस नेताओं की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं। सीएम गहलोत द्वारा विधानसभा में दो बार तारीफ करने के बाद अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी वसुंधरा राजे की तारीफों के पुल बांधे है। स्वास्थ्य परसादी लाल मीणा समेत अन्य कांग्रेसी नेता भी वसुंधरा राजे की तारीफ पर तारीफ कर रहे हैं।
दो बार तारीफ कर चुके हैं सीएम
सीएम गहलोत ने 23 फरवरी को विधानसभा में बजट पेश करते हुए पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की जमकर तारीफ की। गहलोत ने शेरो शायरी की लेकिन सामने बैठी वसुंधरा राजे से कहा कि आप से ही प्रेरणा लेकर मैंने यह सब बोलना सीखा है। इस दौरान वसुंधरा राजे भी मुस्कुराई थीं। सदन में रीट परीक्षा अनियमितता के मामले में लगातार हंगामा करने वाले भाजपा के विधायक जब बजट अभिभाषण के दौरान शांत बैठे तो इसका श्रेय भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनके बीच बैठी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को ही दिया। गहलोत ने यह तक कह दिया कि लीडरशिप इसे ही कहते हैं। जब लीडर मौजूद रहता है तो सब शांत रहते हैं।
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प्रदेश अध्यक्ष ने भी बांधे तारीफो के पुल
सीएम गहलोत के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने अलवर दौरे के दौरान पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की तारीफ की। गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि राजस्थान भाजपा में वसुंधरा राजे को ही नेता मानते हैं। राजस्थान भाजपा में यदि कोई नेता है तो वह केवल वसुंधरा राजे ही हैं। पिछले साल 27 अक्टूबर 2021 को वसुंधरा राजे की जमकर तारीफ की थी। डोटासरा ने कहा कि था कि राजस्थान भाजपा में वसुंधरा से बड़ा नेता कोई नहीं है। भाजपा का दूसरा नेता उनकी बराबरी नहीं कर सकता।
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क्या है सियासी मायने
दरअसल, राजस्थान में साल 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनावों से पहले की सीएम फेस को लेकर भाजपा में खींचतान जारी है। सीएम फेस को लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत औऱ वसुंधरा कैंप आमने-सामने हैं। वसुंधरा राजे राज्य के दो बार सीएम रह चुकी है। भैरोसिंह शेखावत के निधन के बाद भाजपा की राजनीति वसुंधरा राजे के इर्द-गिर्द ही घूमती है। अशोक गहलोत यदि तीन बार राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे हैं तो वसुंधरा राजे भी दो बार मुख्यमंत्री का ताज पहन चुकी हैं। मतलब पिछले दो दशक से अधिक की राजनीति इन दोनों नेताओं के इर्द-गिर्द ही घूमती रही है। ऐसे में कोई दूसरा बड़ा लीडर राजस्थान की राजनीति में अपनी जगह नहीं बना पाया है। राजनीति के जानकारों का कहना है कि कांग्रेस नेताओं के बदलते रंग कुछ और कहानी बयां कर रहे हैं। संभावना ये भी है कि कांग्रेस नेता एक रणनीति के तहत ही वसुंधरा राजे की तारीफ करते हैं ताकि दोनों गुटों में बैठी भाजपा के भीतर खेमेबाजी की खाई और गहरी हो जाए। कांग्रेस वसुंधरा को आधार बनाकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया साधने की रणनीति पर काम कर रही है।
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