जानिए क्या है फोन टैपिंग मामला जिसमें राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को मिला नोटिस, कौन-कौन बनाए गए पक्षकार

इस मामले में गृहमंत्री के तौर पर सीएम अशोक गहलोत, मुख्य सचेतक मंत्री महेश जोशी, मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा, तत्कालीन सीएस, तत्कालीन गृह सचिव, डीजीपी और एडीजी और एसओजी के थानाधिकारी रविंद्र कुमार को पक्षकार बनाया गया है।

Asianet News Hindi | Published : Mar 6, 2022 4:33 AM IST

जयपुर : राजस्थान (Rajasthan) में फोन टैपिंग मामले में सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) समेत 9 लोगों को कोर्ट ने तलब किया है। अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-3 महानगर प्रथम की तरफ से मिले नोटिस के मुताबिक सभी 9 लोगों को 16 मार्च को अदालत के सामने पेश होना है। बता दें कि कांग्रेस नेता सचिन पायलट (Sachin Pilot) खेमे की बगावत के बाद राजस्थान में आए सियासी संकट के वक्त विधायकों की खरीद-फरोख्त वाले वायरल ऑडियो और फोन टैपिंग के मामले में कोर्ट ने सभी को तलब किया है। 

इन्हें मिले नोटिस
इस मामले में गृहमंत्री के तौर पर सीएम अशोक गहलोत, मुख्य सचेतक मंत्री महेश जोशी (Mahesh Joshi), मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा, तत्कालीन सीएस, तत्कालीन गृह सचिव, डीजीपी और एडीजी और एसओजी के थानाधिकारी रविंद्र कुमार को पक्षकार बनाया गया है। बता दें कि ऑडियो वायरल करने और अशोक गहलोत की तरफ से बयानबाजी को लेकर लोअर कोर्ट में परिवाद दायर किया गया था, जिसे कोर्ट ने नवंबर 2021 में ही खारिज कर दिया था। याचिकाकर्ता ने अदालत के आदेश को रद्द करने की याचिका लगाई, इसी मामले में पक्षकार बनाए गए सभी लोगों को नोटिस जारी किया गया है।

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क्या है पूरा मामला

दरअसल, कोर्ट में दायर याचिका के मुताबिक जब साल 2020 में सचिन पायलट खेमे की बगावत हुई थी, तब 17 जुलाई को सीएम के ओएसडी लोकेश शर्मा ने एक ऑडियो क्लिप को वायरल किया था। इस क्लिप के बाद प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता उत्पन्न हो गई। सीएम गहलोत ने विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप लगाए। उन्होंने एसओजी के मुखिया अशोक राठौड से मिलीभगत कर जांच के विषय को अपने उद्देश्य के लिए चार्जशीट से पहले ही सार्वजनिक कर दिया। जबकि प्रदेश में राजद्रोह और संवेदनशील मामलों से जुड़ी FIR को सार्वजनिक करने पर बैन है। 

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किस मामले में केस दर्ज

परिवाद में कहा गया है कि चूंकि ऑडियो वायरल करने वाले लोकेश शर्मा मुख्यमंत्री के ओएसडी हैं। वे लोक सेवक की श्रेणी में आते हैं। ऐसे में उनका इस तरह ऑडियो वायरल करना ठीक नहीं। यह मामला IPC, OS एक्ट और टेलीग्राफ एक्ट की अवहेलना है। इस ऑडियो को ही सबूत मानकर महेश जोशी ने एसओजी में IPC की धारा 120बी और 124ए के तहत केस दर्ज कराया। जिसकी जांच दिल्ली क्राइम ब्रांच कर रही है।

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