अलवर एसपी को जब मामले की शिकायत मिली तो उन्होंने गुप्त रूप से इसकी कार्रवाई की। फिलहाल दोनों को सस्पेंड कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि जो आऱोपी छोड़े गए थे उन्होंने ट्रक को लूटा था।
अलवर. राजस्थान में एक बार फिर खाकी को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। दरोगा और हैड कॉन्स्टेबल ने 50 लाख रुपए लेकर दो आरोपियों को छोड़ दिया। जब इस बात का एसपी को पता चला। तो उन्होंने पूरे मामले की जांच करवाई। जिसके बाद फर्स्ट इन्वेस्टिगेशन की जांच के आधार पर दरोगा और हेड कांस्टेबल को सस्पेंड किया गया है। फिलहाल पुलिस द्वारा इश मामले की विस्तार से जांच की जा रही है।
ट्रक लूट के थे आरोपी
अलवर एसपी तेजस्विनी गौतम ने बताया कि 10 जुलाई को कोतवाली थाना अधिकारी महेश शर्मा और कॉन्स्टेबल जान मोहम्मद ट्रक लूट के 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लेकर आए थे। जिनकी गाड़ी से कॉन्स्टेबल जान मोहम्मद और थानाधिकारी महेश शर्मा को 50 लाख मिले थे। ऐसे में थानाधिकारी महेश्वर और हेड कांस्टेबल जान मोहम्मद ने बदमाशों को गिरफ्तार कर जेल भेजने की धमकी दी। जिसके बाद बदमाशों ने 50 लाख रुपए दे दिए। ऐसे में थानाधिकारी ने उन्हें अगले दिन ही छोड़ दिया।
एसपी ने की गोपनीय कार्रवाई
इसके बाद दोनों की गोपनीय जांच करवाई गई। जिसमें प्राथमिक तौर पर दोनों आरोपी साबित हुए। दोनों के लाखों रुपए वसूलने की बात सामने आई है। हालांकि पुलिस अभी तक यह पता नहीं कर पाई है कि जिन दोनों आरोपियों को दोषी पुलिसकर्मियों ने छोड़ा था वह कौन थे। दरअसल, यह घटना सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बनी रही। कुछ लोगों ने तो यहां तक कहा कि आरोपियों को पकड़ने वाली पुलिस अब अवैध वसूली करने लगी है।
थानेदार छुट्टी लेकर गया,हेड कॉन्स्टेबल था विश्वास पात्र
जैसे ही थानेदार महेश शर्मा के 50 लाख वसूलने का पता उच्च अधिकारियों को लगा। तो महेश 3 दिन की छुट्टी लेकर उनमें से ही बाहर चला गया। वही हेड कांस्टेबल जान मोहम्मद महेश शर्मा का सबसे विश्वास पात्र था। दोनो हमेशा साथ रहते थे। हेड कॉन्स्टेबल पहले भी कई आरोपियों को छोड़ने की एवज में मोटे रुपए वसूल चुका है।
इसे भी पढ़ें- राजस्थान के केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया पर पोस्ट की पुरानी वीडियो, सीएम के OSD ने दिया करारा जवाब