
पाली (राजस्थान). आज पूरे भारत देश में भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जा रहा है। जहां बहनें अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांध उनकी रक्षा की दुआं मांगती हैं। वहीं देश में ऐसे कई गांव हैं जहां पर इस राखी के पर्व को नहीं मनाया जाता है। वह लोग इस दिन को काला दिवस के रूप में मानते हैं, यहां तक कि कुछ लोग तो रक्षाबंधन का नाम लेना तक पाप मानते हैं।
इस वजह से यहां के लोग नहीं मनाते रक्षाबंधन
दरअसल, हम बात कर रहे हें राजस्थान के पाली गांव की, जहां पर पालीवाल समाज के लोग रहते हैं। बताया जाता है कि 1230 ई. यानी करीब 800 साल पहले इस गांव पर राखी वाले दिन मोहम्मद गौरी ने हमला बोला था। जहां उसने सैंकड़ों की संख्या में औरतों, बच्चों और बुजुर्गों को मौत के घाट उतार दिया था।
सैंकड़ों लोगों को हाथी के पैरों तले कुचलवा दिया था
गौरी ने इतनी क्रूरता दिखाई थी कि हाथी के पैरों तले लोगों को कुचलवा दिया था। जो बहने इस दिन अपने भाई के लिए राखी बांधने वाली थीं उसके सामने उसकी लाश पड़ी हुई थी। ऐसा कोई घर नहीं था जब उस दिन वहां पर मौत की चीखें नहीं सुनाई दी थीं। इस घटना के बाद से वहां के लोग इस त्यौहार को नहीं मनाते हैं।
राजस्थान की राजनीति, बजट निर्णयों, पर्यटन, शिक्षा-रोजगार और मौसम से जुड़ी सबसे जरूरी खबरें पढ़ें। जयपुर से लेकर जोधपुर और उदयपुर तक की ज़मीनी रिपोर्ट्स और ताज़ा अपडेट्स पाने के लिए Rajasthan News in Hindi सेक्शन फॉलो करें — तेज़ और विश्वसनीय राज्य समाचार सिर्फ Asianet News Hindi पर।