
जयपुर. कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की लड़ाई के बीच जयपुर से बड़ी खबर सामने आई है जिसने बीजेपी आलाकमान की टेंशन अचानक बढ़ा दी हैं । खबर है कि जयपुर ग्रेटर की मेयर सौम्या गुर्जर को आज उनके पद से हटा दिया गया है और उसके साथ ही अगले छह साल तक उनके चुनाव लड़ने पर भी रोक लगा दी गई है। उन्हें सरकार ने छह साल के लिए अयोग्य कर दिया हैं। सौम्या गुर्जर कल यानि 26 सितंबर तक जयपुर ग्रेटर की महापौर थीं, लेकिन उन्हें आज हटा दिया गया है। उनके खिलाफ सरकार के स्वायत्त शासन विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं। अब सौम्या गुर्जर को लेकर भारतीय जनता पार्टी बड़े आंदोलन की तैयारी करने में जुट गई है।
सरकार के अफसर से भिड़ गई थी सौम्या गुर्जर...
दरअसल, भारतीय जनता पार्टी से चुनी गई जयपुर ग्रेटर मेयर सौम्या गुर्जर और सरकार के अफसरों के बीच विवाद चल रहा था। कुछ महीनों पहले अपने दल के पार्षदों के साथ मिलकर उन्होनें निगम आयुक्त के साथ दुर्रव्यवहार किया था और यहां तक की गाली गलौच तक कर डाली थी। मामला सरकार तक पहुंचा तो सरकार ने मेयर को दोषी करार दे दिया। मेयर ने कानूनी लड़ाई का रास्ता अपनाया। सरकार भी उसी रास्ते चली और सबूत देती चली गई।
सौम्या गुर्जर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई थी सरकार
आखिर मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा। वहां से भी मेयर को राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट ने 23 सितंबर को इसकी जांच के आदेश सरकार को दिए थे और मेयर के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा था। इन निर्देशों के बाद सोमवार को कार्यालय खुलने पर चर्चा हुई, फाइल सरकार तक पहुंची और आज सवेरे मेयर के खिलाफ स्वायत्त शासन विभाग ने आदेश जारी कर उन्हें पद से हटा दिया। उन्हें महापौर पद से हटाने के साथ ही निगम की सदस्यता से भी हटा दिया गया है। साथ ही छह साल तक निकाय संबधी चुनाव लड़ने में भी उनको अयोग्य घोषित कर दिया गया है।
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