सार
राजस्थान में सियासी उठापटक के बीच अब मुख्यमंत्री का चयन आपस में उलझ गया है। एक तरफ जहां गहलोत गुट ने विधायक दल की बैठक का बहिष्कार कर दिया है। वहीं, पर्यवेक्षक अजय माकन ने पायलट को सीएम नहीं बनने की सलाह दी है। अब आगे क्या होगा इन आसान बिंदुओं में समझाते हैं।
जयपुर. राजस्थान के राजनीतिक बवाल पर अब पूरे देश की नजर है। एक तरफ अशोक गहलोत के अध्यक्ष पद के नामांकन की संभावनाएं बनने लगी हैं। तो वहीं राजस्थान में नए मुख्यमंत्री का चयन आपस में उलझ गया है। गहलोत गुट के विधायकों के बगावत करने पर अब हर कोई अपने-अपने कयास लगा रहा है। आपको आसान बिंदुओं में समझाते हैं कि अब नियम क्या कहता है और अब प्रदेश की राजनीति में क्या-क्या हो सकता है...।
इन 10 बिंदुओं से समझें किसके लिए क्या-क्या संभावनाएं हैं...?
1. सीएम अशोक गहलोत के राजनीतिक कैरियर पर रविवार को हुआ बवाल एक दाग की तरह सामने आ रहा है। माना जा रहा है कि आलाकमान इससे खुश नहीं है और इसके चलते अब कई नेताओं को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
2. यह भी संभावना है कि दोनों ही पक्षों की बगावत के बाद अब आलाकमान यानि सोनिया और राहुल गांधी किसी तीसरे को सीएम पद सौंप सकते हैं।
3. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इन सबमें दिल्ली के भी किसी नेता का हाथ होना बताया जा रहा है, सीएम अशोक गहलोत इस तरह के खेल को अकेला नहीं रच सकते हैं।
4. अब अगर राजस्थान की भाजपा चाहे तो विधानसभा में कांग्रेस के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है। फिर बहुमत परीक्षण की मांग कर सकती है।
5. भाजपा अगर ऐसी मांग कर लेती है तो इस हालत में कांग्रेस को बहुमत साबित करना होगा, जबकि कांग्रेस अभी खुद ही पूर्ण बहुमत में नहीं है।
6. भाजपा के पास फिलहाल 71 विधायक हैं। अब अगर कांग्रेस और समर्थक दलों के करीब तीस विधायक भी सचिन तोड़ लेते हैं तो कांग्रेस की सरकार गिरना लगभग तय है, ऐसे हालत में वे भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना सकते हैं।
7. सबसे बड़ी बात, अगर दोनों ही पार्टियां पूर्ण बहुमत पेश नहीं कर पाती हैं तो राज्यपाल विधानसभा भंग कर सकते हैं और राष्ट्रपति शासन लगा सकते हैं। ऐसे में फिर नए तरह से विधानसभा चुनाव होंगे और दोनों ही पार्टियों को शून्य से शुरुआत करनी होगी।
8. राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर चर्चा करने आए माकन और खडगे सोमवार दोपहर बाद दिल्ली पहुंच चुके हैं और वे सीधे सोनिया गांधी से मुलाकात कर उनको रिपोर्ट सौपने वाले हैं।
9. इस रिपोर्ट के बाद सोमवार शाम तक या कल तक सोनिया गांधी सचिन पायलेट और अशोक गहलोत दोनों को दिल्ली बुला सकती है।
10. इसके लिए भी गहलोत गुट के पास प्लान बताया जा रहा है, बताया जा रहा है कि वे चुनिंदा नेताओं के साथ दिल्ली जाएंगे, ताकि उनका पक्ष रखा जा सके। अकेले जाने की संभावना बेहद कम हैं।
जानिए क्यों राजस्थान की राजनीति में आया भूचाल
राजस्थान की राजनीति में भूचाल मचा हुआ है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चाहते हैं कि उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ ही राजस्थान का मुख्यमंत्री रहने दिया जाए। जबकि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का कहना है कि एक नेता को एक पद दिया जाएगा । यानी अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ सकता है । ऐसे में अब रविवार से राजस्थान की राजनीति में हड़कंप मचा हुआ है । गहलोत को मुख्यमंत्री बनाए रखने के लिए कांग्रेस के विधायकों ने उनके समर्थन में इस्तीफे दे दिए हैं। वही चर्चा यह है कि गहलोत की जगह पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को सीएम बनाया जा सकता है । आलाकमान भी इसके लिए तैयार बताया जाता है । लेकिन अब हालात बेकाबू हो गए हैं । सचिन पायलट के विरोध में गहलोत खेमा खड़ा हो गया है । इन हालात को सही करने के लिए पायलट और गहलोत को दिल्ली बुलाया जा सकता है।
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