राजस्थान के राजसमंद जिले में पिछले दिनों पुजारी दंपत्ति को जिंदा जलाने वाली घटना से पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा हुआ है। इस मामले में बड़ी खबर सामने आई है। पूरे केस की जांच अब सीआईडी और सीबीआई करेगी।
राजसमंद (राजस्थान). राजसमंद के देवगढ़ में स्थित हीरा की बस्ती में कुछ बदमाशों द्वारा पेट्रोल डालकर पुजारी दंपति को जिंदा जलाने का प्रयास किया गया था। इस घटना में पुजारी नवरत्न व पत्नी दोनों ही गंभीर रूप से झुलस गए थे। तो वहीं शनिवार की सुबह पुजारी ने उपचार के दौरान हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया और पुजारी की पत्नी अभी भी मौत से जंग लड़ रही है। पुजारी की मौत की सूचना जैसे ही परिजनों व समाज के लोगों को लगी तो मौके पर ही समाज के लोग एकत्रित हो गए। ऐसे में पुजारी के शव को हॉस्पिटल से उनके निवास देवगढ़ लाया गया तो वहीं परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया। और शव को देवगढ़ उपखंड कार्यालय के अंदर पुलिस सुरक्षा के बीच रखवाया गया।
भाजपा नेताओं ने प्रशासन और सरकार के खिलाफ दिया धरना
इस बीच परिजनों को न्याय दिलाने के लिए भाजपा के कार्यकर्ताओं के साथ पदाधिकारी मौके पर पहुंचे और देवगढ़ उपखंड कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। देवगढ़ उपखंड कार्यालय के बाहर धरने पर राजसमंद सांसद दीया कुमारी, राजसमंद भाजपा जिलाध्यक्ष मानसिंह बारहठ, मावली से विधायक धर्मनारायण जोशी, पूर्व विधायक हरिसिंह रावत व राजसमंद भाजपा नेता नर्बदा शंकर पालीवाल सहित भाजपा के तमाम नेता देर रात तक धरने पर बैठे रहे। काफी देर धरने पर बैठने के बाद भाजपा का एक प्रतिनिधि मंडल जिला प्रशासन से वार्ता को तैयार हुआ। बता दें कि सांसद दीया कुमारी के नेतृत्व में मावली विधायक धर्मनारायण जोशी, जिलाध्यक्ष मानसिंह बारहठ सहित अन्य ने राजसमंद अतिरिक्त जिला कलेक्टर रामचरन शर्मा व राजसमंद एएसपी शिवलाल बैरवा से वार्ता की। करीब 3 घंटे से ज्यादा चली वार्ता के बाद कुछ मांगों पर सहमति बनी। जिसमें सबसे पहले ज्यादा से ज्यादा यानि 20 लाख रूपए का मुआवजा, परिवार को सुरक्षा, संविदा पर पुजारी के दोनों पुत्रों को नौकरी और इस पूरे मामले की जांच सीआईडी सीबी से करवाने पर परिजन व भाजपा तैयार हुई जिसके बाद परिजन शव लेने को तैयार हुए। आपको बता दें कि इस पूरे मामले में अब तक 8 बदमाशों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनसे पुलिस की पूछताछ जारी है।
मामले की जांच सीआईडी सीबी से होगी
तो वहीं मीडिया से वार्ता के दौरान राजसमंद सांसद दीया कुमारी ने बताया कि जिला प्रशासन से वार्ता के दौरान आश्वासन दिया गया है कि पुजारी के दोनों पुत्रों को संविदा पर नौकरी पर रखा जाएगा उसके बाद इन्हें सरकारी नौकरी देने के लिए भी आश्वासन दिया गया है, ज्यादा से ज्यादा मुआवजा दिया जाएगा और इस मामले की जांच सीआईडी सीबी से करवाई जाएगी तो वहीं परिवार को सुरक्षा के साथ जमीन विवाद के मुद्दे को भी सुलझाया जाएगा।
परिवार की सुरक्षा के लिए तैनात रहेंगे पुलिस के जवान
इस पूरे मामले पर राजसमंद अतिरिक्त जिला कलेक्टर रामचरन शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया इनकी मुख्य मांग मुआवजे को लेकर थी, उस पर सहमति बन गई है। पीड़ित प्रतिकर स्कीम के तहत जितना मुआवजा होगा उतना इन्हें दिलाया जाएगा। तो वहीं इनकी दूसरी मांग सरकारी नौकरी को लेकर भी इसके लिए राज्य सरकार को निवेदन कर दिया जाएगा तब तक इनको संविदा पर नौकरी पर रखा जाएगा। तो वहीं परिवार की सुरक्षा के लिए पुलिस के जवान तैनात रहेंगे और मंदिर का ताला खुलवाया जाएगा।
सोमवार को पुजारी के परिजनों को मिलेगा मुआवजा
पुजारी दंपति को जिंदा जलाने के मामले में राजस्थान भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया के निर्देश पर तीन सदस्यों की एक कमेटी का गठन किया गया था जिसमें मावली से विधायक धर्मनारायण जोशी ने मीडिया से वार्ता के दौरान कहा कि परिवार को न्याया दिलाने के लिए हमारी भाजपा की टीम परिजनों के साथ देवगढ़ उपखंड कार्यालय के बाहर धरने पर बैठी रही। तो वहीं काफी देर बाद प्रशासन ने कुछ मांगों पर सहमति जताई। जिसमें परिवार को सुरक्षा, मामले की जांच सीआईडी सीबी से होगी, पुजारी के दोनों पुत्रों को संविदा पर नौकरी रखने के बाद राज्य सरकार को सरकारी नौकरी के लिए लिखा जाएगा सहित 20 लाख रूपए के मुआवजे पर सहमति बनी है।