
भरतपुर. राजस्थान में बड़ी मुश्किल से काबू हुई आरक्षण की आग एक बार फिर से भड़कती नजर आ रही है। अब माली समाज ने आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है। कई नेशनल और स्टेट हाइवे को जाम करने लगे हैं। हाथों में लाठी-डंडे लेकर हजारों की संख्या में सड़को पर डटे हैं। आंदोलन को देखते हुए जिला कलेक्टर ने कई क्षेत्रों में इंटरनेट की सेवाएं 24 घंटे के लिए बंद कर दी है। बता दें कि माली, कुशवाहा शाक्य, मौर्य समाज ने अलग से 12% आरक्षण देने की मांग की है।
मंगलवार सुबह 11 बजे तक इंटरनेट सेवा बंद
जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने आदेश जारी कर जिले के भुसावर, नदबई, उच्चैन और वैर क्षेत्र में मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी है। वहीं जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने आंदोलनकारियों से वार्ता करने का प्रयास किया लेकिन वार्ता विफल रही। कलेक्टर ने माली समाज के आरक्षण आंदोलन को देखते हुए सोशल साइट पर भ्रामक सूचनाएं प्रसारित होने की आशंका को देखते हुए मंगलवार सुबह 11 बजे तक इंटरनेट सेवा बंद करने का आदेश जारी किया है।
कलेक्टर को दो टूक कहा-मांग नहीं मानी तो आंदोलन जारी रहेगा
वहीं जिला कलेक्टर आलोक रंजन और पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह ने समाज के प्रतिनिधियों से आरक्षण आंदोलन को लेकर चर्चा की। लेकिन समाज के लोगों का कहना है कि जब तक राजस्थान सरकार का प्रतिनिधि वार्ता के लिए नहीं आएगा, उनका आंदोलन जारी रहेगा। कलेक्टर आलोक रंजन ने बताया कि उन्होंने समाज के लोगों से हाईवे छोड़कर पास की जमीन पर शांतिपूर्ण तरीके से अपना आंदोलन करने की अपील की है।
एंबुलेंस के अलावा सभी वाहन रोके
12% आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे माली समाज के लोगों ने जयपुर आगरा हाईवे अरौदा के पास पूरी तरह से जाम कर दिया है। हाईवे से किसी वाहन को नहीं गुजरने दिया जा रहा। ऐसे में स्थानीय प्रशासन ने जयपुर और आगरा की ओर से आने जाने वाले सभी वाहनों को अलग-अलग मार्गों से डाइवर्ट कर रखा है। हालांकि आंदोलनकारी एंबुलेंस को रास्ता देकर निकाल रहे हैं।
मंत्री ने कहा- वार्ता करनी है तो पहले हाईवे खाली करो
वहीं आरक्षण को लेकर आंदोलन कर रहे माली समाज के लोगों से वार्ता करने के लिए राजस्थान सरकार ने पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह को अधिकृत कर भरतपुर भेजा है। मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने साफ कहा है कि वार्ता करनी है तो पहले हाईवे खाली करो। साथ ही उन्होंने कहा है कि वार्ता करने के लिए समाज का कोई ऐसा नेता नहीं है जिससे बात की जा सके। मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि गुर्जर आंदोलन के दौरान समाज के नेता के रूप में कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला थे, जिन से बात की जाती थी। अब सरकार ने मुझे बात करने के लिए अधिकृत कर दिया लेकिन माली समाज का ऐसा कोई नेता नहीं है, जिससे हम बात कर सकें। नेतृत्व कौन कर रहा है?
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