भरतपुर में राधे-राधे चिल्लाकर आग लगाने वाले साधु की हालत गंभीर, प्लास्टिक सर्जरी के लिए स्किन तक नहीं बची

Published : Jul 21, 2022, 11:17 AM ISTUpdated : Jul 21, 2022, 11:46 AM IST
भरतपुर में  राधे-राधे चिल्लाकर आग लगाने वाले साधु की हालत गंभीर, प्लास्टिक सर्जरी के लिए स्किन तक नहीं बची

सार

भरतपुर में साधुओं ने अशोक गहलोत सरकार के आश्वासन के बाद अब 551 दिन से चल रहा धरना खत्म कर दिया गया है। लेकिन पहाड़ों को बचाने के लिए खुद को आग लाने वाले साधु विजय दास की हालत बेहद गंभीर बनी हुई है।

जयपुर (राजस्थान). भरतपुर में पहाड़ों को बचाने के लिए अपनी जान दांव पर लगाने वाले संत विजय दास बाबा की हालत बेहद गंभीर है। चिकित्सकों की मानें तो बर्न केसेज में तीस फीसदी से ज्यादा झुलसने के बाद ही रिकवरी होना बेहद मुश्किल है। ऐसे में जिन संत को लाया गया है वे तो गंभीर रूप से झुलसे हैं और साथ ही उम्र ज्यादा होने के कारण रिकवरी के चांस भी बेहद कम हैं। संत का इलाज एसएमएस अस्पताल के बर्न वार्ड में जारी है। 

प्लास्टिक सर्जरी भी नहीं हो सकती, शरीर पर साफ स्कीन ही नहीं बची
बाबा विजय दास को एसएमएस अस्पताल की प्लास्टिक सर्जरी यूनिट नंबर तीन में भर्ती किया गया है। चार चिकित्सकों की टीम उन पर नजर बनाए हुए हैं। बुधवार रात बाबा के अस्पताल में पहुंचने के बाद चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा भी अस्पताल पहुंचे थे और बाबा की स्थिति के बादे में चिकित्सकों से बातचीत की थी। 

शरीर पर इतनी स्किन नहीं कि किसी तरह से प्लास्टिक सर्जरी हो सके
चिकित्सकों का कहना है कि बाबा की हालत बेहद गंभीर है। पेट और कमर के पास से तो शरीद के अंदरूनी अंगों तक आग पहुंच चुकी थी। शरीर पर इतनी स्कीन बची ही नहीं कि किसी तरह से प्लास्टिक सर्जरी की जा सके। रिकवरी के चांस बेहद ही कम हैं। बाबा की देखभाल के लिए भरतपुर से भी कुछ संत और लोग आए हुए है। बाबा से मिलने के लिए देर रात भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया भी पहुंचे थे और उन्होनें कुशल क्षेम पूछी थी।

सरकार के आश्वासन के बाद  551 दिन से चल रहा धरना खत्म 
भरतपुर में साधुओं ने अशोक गहलोत सरकार के आश्वासन के बाद अब 551 दिन से चल रहा धरना खत्म कर दिया गया है। कलेक्टर भरतपुर और पर्यटन मंत्री ने आश्वासन दिया है कि लीज को दूसरी तगह शिफ्ट करने का काम सिर्फ पंद्रह दिन में शुरु कर देंगे और उसके बाद पंद्रह दिन में ही वन क्षेत्र घोषित कर दिया जाएगा। जहां पर विवाद है वहां पर अब खनन नहीं होगा, खनन को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया जाएगा। इस आश्वासन क बाद अब साधुओं ने धरना खत्म कर दिया है।

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