8 दिसंबर को राजस्थान के जोधपुर जिले के भूंगरा में हुए सिलेंडर कांड को आज करीब 15 दिन हो चुके हैं। अब तक कुल 35 लोगों की मौत हो चुकी है। इस दर्दनाक हादसे में प्राण गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करने और उनके परिजनों को ढांढस बंधाने के लिए सचिन पायलट उनके घर पहुंचे।
जोधपुर (राजस्थान). जोधपुर में गैस धमाके दुखांतिका में अब तक 35 मौतें हो चुकी हैं। इन मौतों की संख्या अभी भी बढ़ने का डर सता रहा है। अभी भी पंद्रह लोग अस्पताल में भर्ती हैं और उनमें से करीब सात की हालत बेहद ही गंभीर बनी हुई है। ऐसे में आज सवेरे जब सचिन पायलेट जोधपुर पहुंचे तो उन्होनें इस दुखांतिका में अपने को खोने वाले परिवारों से बातचीत की। पायलेट जब जोधपुर पहुंचे और परिवारों से मिले तो उनकी आखें भी नम हो गई। लोगों के गले लगे और फिर परिवारों को सांत्वना दी। पायलेट के आने के साथ ही पूर्व सीएम राजे भी आज जोधपुर पहुंची थी।
राजस्थान का सबसे बड़ा हादसा....
सचिन पायलेट शेरगढ़ के भुंगरा गांव पहुंचे और पीडित परिवारों से मिले। उन्होने कहा कि ये जोधपुर ही नहीं पूरे राजस्थान का सबसे बड़ा हादसा है ये। पायलेट बोले की सरकार ने अपनी ओर से करीब 17 लाख रुपए प्रत्येक परिवार की मदद करने की कोशिश की है। हांलाकि ये राशि कम है। उन्होने कहा कि इस मामले में केंद्र सरकार के मंत्रियों से बात कर मुआवजा राशि बढ़ाने पर भी बात करेंगें। पायलेट ने कहा कि सरकार अपनी ओर से सब कुछ सही करती है। मृतकों के परिवार के सदस्यों से मिलने के बाद पायलेट के जोधपुर के अस्पताल जाने का भी कार्यक्रम है।
लोगों का दर्द सुनकर इमोशनल हो गए पायलट
पायलेट ने मीडिया के सामने भारत जोड़ो यात्रा को लेकर भी अपना पक्ष रखा। उनका कहना था कि इस यात्रा से कई बड़़े बदलाव आ रहे हैं। जल्द ही वो देखने को मिलेगें। पायलेट बोले नेता पैदल चल रहे हैं और जनता के बीच जा रहे हैं, लोगों का दुख दर्द समझ रहे हैं । लोग भी दुख दर्द साझा कर रहे हैं और इसके भविष्य में सुखद परिणाम निकलेंगे ... यह तय है।
दूल्हे की शादी से पहले हो गईं 35 मौतें...
उल्लेखनीय है कि शेरगढ़ के भुंगरा गांव में आठ दिसम्बर को सगत सिंह के बेटे सुरेन्द्र सिंह की बारात रवाना होने वाली थी। इस दौरान पांच सिलेंडर फटे और इस हादसे में झुलसने के बाद साठ लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनमें से अब तक 35 की मौत हो चुकी है। दूल्हे के परिवार के आधा से ज्यादा लोग अपनी जान गवां बैठे हैं।