शुक्रवार रात लगी आग की जानकारी प्रशासन के पास पहुंची वह फायर ब्रिगेड लेकर पहुंचे और आग बुझाने का प्रयास करते रहे। लेकिन इस घटना के बाद भी फैक्ट्री का मालिक मौके पर नहीं पहुंचा। फायर ब्रिगेड और गांव के लोगों की मदद से किसी तरह आग बुझाने की कोशिशि की गई, पर आग नहीं बुझी तो शंका हुई की पेट्रोल के कारण आग नहीं बुझ रही है।
जयपुर. राजस्थान के दौसा जिले में स्थित महुआ क्षेत्र में मौजपुर गांव के पीपलखेड़ा क्षेत्र में स्थित एक अवैध फैक्ट्री में जब आग लगी तो उसके बाद बड़े खुलासे हो रहे है। करीब 11 से 12 घंटे तक आग धधकती रही लाखों लीटर पानी आग बुझाने के लिए फेंका गया लेकिन फिर भी आग काबू नहीं की जा सकी। कलेक्टर एसपी सभी लोग दंग थे। पता चला कि नजदीक से ही आईओसीएल की पाइप लाइन गुजर रही है । कलेक्टर एसपी को शंका हुई कि संभवत आईओसीएल की पाइप लाइन में ही आग लगी है इस कारण आग काबू नहीं हो पा रही है।
जैसे ही सप्लाई का वाल्व बंद कराया गया तो कुछ देर में आग को बुझाना आसान हो गया।
घटना के बाद फैक्ट्री और खेत का मालिक फरार
शुक्रवार रात लगी आग की जानकारी प्रशासन के पास पहुंची वह फायर ब्रिगेड लेकर पहुंचे और आग बुझाने का प्रयास करते रहे। लेकिन इस घटना के बाद भी फैक्ट्री का मालिक मौके पर नहीं पहुंचा। फायर ब्रिगेड और गांव के लोगों की मदद से किसी तरह आग बुझाने की कोशिशि की गई, पर आग नहीं बुझी तो शंका हुई की पेट्रोल के कारण आग नहीं बुझ रही है। वाल्ब बंद कराया तब जाकर आग तो काबू कर ली गई। लेकिन फैक्ट्री मालिक खेत का मालिक और आसपास रहने वाले कई लोग लापता है। शंका है पकड़े जाने के डर से वे फरार हो गए है।
पेट्रोल चोरी के लिए खोदी सौ फीट गहरी सुरंग
प्रारंभिक जांच पड़ताल में यह सामने आया कि जिस जगह यह अवैध फैक्ट्री बनाई गई थी ,उस जगह के पास ही इंडियन ऑयल (आईओसीएल) की पाइप लाइन बिछी हुई थी जो मथुरा तक जाती है। यह पाइप लाइन जमीन से करीब 100 फीट नीचे डाली गई थी ताकि आसानी से इस पर सेंध न मासी जा सके, साथ ही इसमें कोई नुकसान न हो इसका भी ध्यान रखा गया था। फैक्ट्री की आड़ में इसी लाइन से 650 फीट लंबी सुरंग खोदकर और कई तरह के वॉल और पाइप लगाकर अवैध तरीके से तेल चोरी किया जा रहा था।
अवैध सेलिंग कर रहे थे पेट्रोल की
जिस फैक्ट्री में आग लगी वहां पर एक टैंकर भी बरामद किया गया है जो कि पेट्रोलियम पदार्थ ले जाने के हिसाब से बनवाया गया था। वहीं खड़ा हुआ था। पुलिस का मानना है कि चुराया गया तेल टैंकर की मदद से कई जगहों पर सप्लाई किया जाता था। अब पुलिस इस पूरी चैन को खंगालने की कोशिश कर रही है। जिन पांच लोगों के बारे में बताया गया था कि वह फैक्ट्री में रह रहे हैं उनके बारे में फिलहाल अभी तक कोई सुराग नहीं लग पाया है। फॉरेंसिक टीम को मौके पर बुलाया गया है ताकि वह मौके से सबूत जमा कर सके और तमाम चीजों का खुलासा किया जा सके।
एक झटके में हो गया करड़ों का नुकसान
इस सनसनीखेज घटना के बाद पूरा प्रशासन हिला हुआ है। फैक्ट्री मालिक शिवलाल मीणा की तलाश हर संभव तरीके से की जा रही है। प्रशासनिक अधिकारियों और आईओसीएल के अफसरों का कहना है कि करोड़ों रुपयों का राजस्व नुकसान हुआ है इसकी भरपाई कौन करेगा फिलहाल इसकी जांच पड़ताल कर रहे हैं। इस मामले में पुलिस थाने में केस दर्ज कराने की तैयारी की जा रही है।