राजस्थान का शर्मनाक मामला: DGP के आदेश का भी कर दिया सत्यानाश, CM अशोक गहलोत भी दे चुके थे निर्देश

राजस्थान के सीकर  जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है,जिसने पूरे पुलिस विभाग के आदेशों की धज्जियां उड़ा दी हैं।  सीकर पुलिस ने इतनी बड़ी लापरवाही बरती और सबसे बड़ी बात यह रही कि इस फाइल को एसपी स्तर तक भी साइन करा लिया गया। जबकि पुलिस अधीक्षक ने इस फाइल को देखना चाहिए था ।

Arvind Raghuwanshi | Published : Jan 4, 2023 1:00 PM IST

सीकर (राजस्थान). सीकर जिले के पोक्सो कोर्ट ने विक्रम राणा नाम के आरोपी को 5 साल के कठोर कारावास और ₹15000 के आर्थिक दंड की सजा सुनाई है । ऐसा एक नाबालिग लड़की से रेप और उसका अपहरण के मामले में किया गया है । 16 साल की इस लड़की को 3 मई 2017 की रात को विक्रम राणा नाम का लड़का लेकर फरार हो गया था । लड़की को उसने टॉर्चर किया और उसके बाद उसके घर से ₹125000 भी दोनों लेकर फरार हो गए।  लड़की को कुछ समय बाद पुलिस ने बरामद कर लिया और उसे नियमानुसार उसके माता-पिता के हवाले कर दिया ।

रिश्तेदारों के यहां रखा और लगातार रेप किया
काउंसलिंग के दौरान लड़की ने बताया कि उसे विक्रम जबरन अपने साथ ले गया था।  उसने पहले सीकर फिर जयपुर और अलवर में कई रिश्तेदारों के यहां रखा और लगातार रेप किया।  इस पूरे घटनाक्रम के बाद अब विक्रम राणा को गिरफ्तार कर लिया गया और उसे कोर्ट ने सजा सुनाई । पोक्सो कोर्ट ने विक्रम राणा को तो सजा सुना दी , लेकिन सीकर जिले की पुलिस से जज इतना नाराज हुए कि उन्होंने जिले की पुलिस को तगड़ी लताड़ लगाई।

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सीएम अशोक गहलोत और डीजीपी दे चुके हैं निर्देश 
 पोक्सो कोर्ट ने कहा कि तत्कालीन थानाधिकारी मनोहर लाल के विरुद्ध कार्रवाई जिले की पुलिस करें और जिले की पुलिस भी कानून का लेटेस्ट ज्ञान लेकर ही कोर्ट में आए। दरअसल विशेष लोक अभियोजक कैलाश दान कविया ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में इतनी लापरवाही बरती कि किसी भी केस के बाद जो सबसे जरूरी काम होता है वही नहीं किया। कविया ने कहा कि पुलिस ने नक्शा मौका तक नहीं बनाया यह कितनी गलत बात है । जबकि नाबालिक लड़कियों के केस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डीजीपी राजस्थान उमेश मिश्रा तक पुलिस को यह निर्देश दे चुके हैं कि इन मामलों में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरती जाएगी।  उसके बावजूद भी सीकर पुलिस ने इतनी बड़ी लापरवाही बरती और सबसे बड़ी बात यह रही कि इस फाइल को एसपी स्तर तक भी साइन करा लिया गया।  जबकि पुलिस अधीक्षक ने इस फाइल को देखना चाहिए था ।

इस कांड से सीकर जिले की साख दांव पर
सीकर जिले का यह मामला बेहद अनोखा और पुलिस की साख गिराने वाला है।  प्रदेश के अन्य जिलों से इस तरह का फिलहाल कोई मामला अभी तक सामने नहीं आया है । उल्लेखनीय है कि पिछले 5 साल के दौरान रेप के 30,000 से ज्यादा केस राजस्थान में दर्ज हुए हैं।  इनके सच में करीब 20000 केसेज में अपहरण की धाराएं भी लगी हुई है।  अब पुलिस को लताड़ का यह मामला पुलिस मुख्यालय जयपुर तक पहुंच चुका है।  जयपुर से सीकर पुलिस के लिए विशेष निर्देश जारी हुए हैं।

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