आधा घंटे दुकान के बाहर बैठी रही मासूम, जब दूध नहीं मिला..तो डरके मारे घर ही नहीं लौटी

मां-बाप और बच्चों के बीच प्रेम का अटूट और सबसे सुंदर रिश्ता होता है, लेकिन यहां मामला चौंकाने वाला है। जोधपुर में 10 साल की बच्ची के गायब होने के पीछे हैरान करने वाली कहानी सामने आई। पुलिस ने जब बच्ची को ढूंढ निकाला, तो उसने बताया कि वो दूध लेने दुकान पर आई थी। लेकिन दूध नहीं मिला, तो घर पर पिटाई के डर से छुप गई थी।

Asianet News Hindi | Published : Oct 7, 2020 4:46 AM IST

जोधपुर, राजस्थान. मां-बाप अपने बच्चों के लिए निर्दयी कैसे हो सकते हैं? उनके साये में बच्चे महफूज होने के बजाय खौफ कैसे खा सकते हैं? इस बच्ची को लेकर यह सवाल उठता है। प्रतापनगर थाना इलाके में मंगलवार को 10 साल की तरन्नुम उर्फ तनु गायब हो गई थी। घटना के बाद पूरा मोहल्ला और पुलिस उसे ढूंढने में लग गई। बच्ची एक दुकान के समीप बाथरूम में छुपी मिली। उसने बताया कि वो दूध लेने दुकान पर आई थी। लेकिन दूध नहीं मिला, तो घर पर पिटाई के डर से छुप गई थी।


बच्ची की बात सुनकर लोग हुए हैरान
एसीपी नीरज शर्मा ने बताया कि जाकिर हुसैन कॉलोनी निवासी मोहम्मद नौशाद की बेटी तनु सुबह 11 बजे समीप की दुकान पर दूध लेने गई थी। उसके बाद घर नहीं लौटी थी। मामला सामने आने पर पुलिस सक्रिय हो गई थी। सीसीटीवी कैमरे देखे गए। कई लोगों से पूछताछ की। बाद में बच्ची दुकान के समीप एक बाथरूम में छुपी मिली। तनु ने बताया कि वो दुकान के बाहर आधा घंटे बैठी रही। लेकिन जब दूध नहीं मिला, तो घरवालों के डर से छुप गई थी। आगे पढ़ें-जल्लाद मां-बाप के खौफ से पागलों की तरह सड़क पर दौड़ती रही मासूम, उसे ढूंढने पुलिस ने कर दिया जमीं-आसमां एक



सूरत, गुजरात. कोई मां-बाप इतने क्रूर कैसे हो सकते हैं कि वो अपनी 7 साल की बच्ची को बुरी तरह मारें-पीटें। घर का काम ठीक से न करने पर अत्याचार करें। पिता और सौतेली मां की क्रूरता से डरकर एक 7 साल की बच्ची ऐसी घर से भागी कि वो 10 घंटे तक बदहवास सड़कों पर दौड़ती रही। बच्ची किसी गलत हाथ में न पड़ जाए, इसलिए पुलिस विभाग ने गंभीरता दिखाते हुए उसकी सर्चिंग के लिए 120 पुलिसकर्मी उतार दिए। पुलिस ने जगह-जगह के सीसीटीवी फुटेज खंगाले आखिर में एक गुब्बारे बेचने वाली महिला ने बच्ची के बारे में चौंकाने वाली खबर दी। यह घटना पिछले महीने सामने आई थी।

पैदल ही भटकती रही बच्ची..
यह बच्ची पांडेसरा के जलरामनगर से लापता हुई थी। उसे 10 घंटे बाद पुलिस ने परवत पाटिया इलाके से ढूंढ लिया। वो बेहद डरी हुई थी और घर वापस नहीं जाना चाहती। पांडेसरा थाने के इंस्पेक्टर अल्पेश चौधरी ने बताया कि बच्ची पांडेसरा से वेसू तक पैदल भटकते हुए पहुंची। यहां से बीआरटीएस बस में बैठकर परवत पाटिया चली गई। यहां से उतरकर वो अपने पहले वाले घर के पास भटक रही थी। पुलिस ने सीटीवी फुटेज के आधार पर बच्ची को ढूंढा।

क्रूरता की हद...
बच्ची ने बताया कि उसके मां-बाप हाथ-पैर बांधकर मारते थे। अब वो उनके साथ नहीं रहना चाहती। पुलिस ने बताया कि 10 किमी पैदल चलकर वेसू में सफल स्क्वायर तक पहुंची थी। यहां उसे एक गुब्बारे बेचने वाली महिला मिली। महिला ने बच्ची पर दया दिखाई और अपने बेटे को भेजकर बीआरटीएस बस में बिठवा दिया। इसके लिए महिला ने ही 15 रुपए किराया दिया। अब पुलिस बच्ची की सगी मां से संपर्क कर रही है। अगर वो बच्ची को अपनाती है, तो ठीक..वर्ना बच्ची को चाइल्ड होम भेज दिया जाएगा। बच्ची की सगी मां महाराष्ट्र में रहती है। पुलिस ने पिता और सौतेली मां के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
 

बच्ची पांडेसरा स्थित गुजरात हाउसिंग बोर्ड के पास जलाराम सोसायटी के एक रिपेयरिंग हो रहे मकान में अपने पिता दगडू रणसिंगे और सौतेली मां के साथ रहती थी। बताते हैं कि बच्ची को बर्तन नहीं धोने पर सौतेली मां ने खूब पीटा था।  पुलिस के अनुसार बच्ची का नाम माया है। वो 10 दिन पहले ही अपने ननिहाल से पापा के पास रहने आई थी। वो परवत गांव में अपने नाना के यहां रहती है। वो आंगनबाड़ी में पढ़ती है। बताते हैं कि 4 महीने पहले भी बच्ची घर से भागी थी। 13 अप्रैल को उसे ढूंढ़कर रामनगर के चिल्ड्रन होम में रखा गया था।

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