राजस्थान में हेल्थ सर्विस:मरीज के परिजनों को मारने पड़े एम्बुलेंस को धक्के,मरीज की मौत पर मंत्री का सुनिए जवाब

राजस्थान सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खचरियावास ने दो टूक कहा-अगर एंबुलेंस में पेट्रोल खत्म हो गया और मरीज़ की मृत्यु हो गई है, तो यह व्यवस्था की असफलता नहीं है, बल्कि प्रबंधन की असफलता है। जो भी व्यक्ति इसके ख़िलाफ ज़िम्मेदार हैं उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
 

Amitabh Budholiya | Published : Nov 26, 2022 9:09 AM IST / Updated: Nov 26 2022, 03:06 PM IST

बांसवाड़ा. राजस्थान में स्वास्थ्य सुविधाओं की फजीहत से जुड़े एक वीडियो वायरल होने से हंगामा मचा हुआ है। बीच रास्ते में एम्बुलेंस का फ्यूल खत्म हो जाने पर मरीज की समय पर अस्पताल नहीं पहुंचने पर मौत हो गई। इस मामले में प्रदेश के मंत्री ने दो टूक कहा कि यह व्यवस्था की असफलता नहीं है,बल्कि एम्बुलेंस मैनेजमेंट की विफलता है। पढ़िए पूरा मामला...

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मामला बांसवाड़ा के दानापुर इलाके का है। दानापुर के रहने वाले 40 साल के तेजिया की तबीयत बिगड़ गई थी। वे बेहोश हो गए थे। परिजनों ने 108 एंबुलेंस को कॉल किया। एम्बुलेंस आकर उन्हें अस्पताल ले जानी लगी। लेकिन रास्ते में बांसवाड़ा से करीब 10-12 किमी दूर रतलाम रोड टोल पर अचानक एंबुलेंस बंद हो गई। मालूम चला कि एम्बुलेंस का फ्यूल खत्म हो गया है। इसके बाद मरीज के बेटी-दामाद और अन्य परिजनों ने एम्बुलेंस को एक किलोमीटर तक धक्का मारा।इससे पहले ड्राइवर ने मरीज के परिजनों को 500 रुपए देकर फ्यूल लाने भेज दिया। परिजन बांसवाड़ा से जैसे-तैसे फ्यूल लेकर पहुंचे। फिर भी एम्बुलेंस स्टार्ट नहीं हुई। बाद में दूसरी एम्बुलेंस से मरीज को अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन देरी के चलते उसकी मौत हो गई। मृतक तेजिया गणावा उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के रहने वाले थे। उनकी बेटी की बांसवाड़ा के दानापुर में ससुराल है। करीब तीन महीने पहले वे बेटी के घर आए थे। गुरुवार को अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई थी।


राजस्थान सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खचरियावास ने दो टूक कहा-अगर एंबुलेंस में पेट्रोल खत्म हो गया और मरीज़ की मृत्यु हो गई है, तो यह व्यवस्था की असफलता नहीं है, बल्कि प्रबंधन की असफलता है। जो भी व्यक्ति इसके ख़िलाफ ज़िम्मेदार हैं उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

वहीं, CMHO बांसवाड़ा हीरालाल ताबियार ने कहा-मामले में जांच शुरू कर दी गई है। 108 एंबुलेंसों को एक निजी एजेंसी द्वारा संचालित किया जाता है। एजेंसी राज्य सरकार द्वारा अधिकृत है और कंपनी के ऊपर एंबुलेंस के रखरखाव का ज़िम्मा होता है। कहां लापरवाही रही है, यह जांच के बाद सामने आएगा।

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