किडनैपिंग के बाद चारो ओर से घिरे बदमाश गांव में छोड़ गए बच्चा, ग्रामीणों की मदद से मासूम पहुंचा पुलिस तक

राजस्थान में पुलिस की त्वरित कार्यवाही के चलते बदमाशों की बच्चे को किडनैप कर अपने मंसूबे पूरे करने की सारी कोशिशे नाकाम हो गई। पुलिस ने 10 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार बरामद कर लिया है। पुलिस से चारों तरफ से घिरने के बाद बदमाश बच्चे को गांव में छोड़कर भागे।

Sanjay Chaturvedi | Published : Oct 4, 2022 4:10 PM IST / Updated: Oct 06 2022, 09:52 AM IST

सीकर. राजस्थान के सीकर जिले में सुबह स्कूल जाते समय किडनैप हुए कोचिंग संचालक के महावीर हुड्डा के बेटे धीरीश को पुलिस ने आखिरकार 10 घंटे की मशक्कत के बाद बरामद कर लिया। पुलिस से चारों तरफ से घिरे बदमाश उसे झुंझुनूं जिले के भाटीवाड़ गांव में ले गए थे। जहां ग्रामीणों ने भी आरोपियों को घेर लिया। ऐसे में आरोपी धीरीश को भाटीवाड़ में ही छोड़कर फरार हो गए। जिसे बाद में पुलिस ने सकुशल दस्तयाब कर लिया। इससे पहले बोलेरो सवार बदमाश उसे दिनभर सीकर व झुंझुनूं के बीच घुमाते रहे। जिनका सीसीटीवी कैमरों व लोकेशन के आधार पर पुलिस की टीम दिनभर पीछा करती रही। एसपी कुंवर राष्ट्रदीप ने बताया कि आरोपियों की तलाश में पुलिस की टीम अब भी लगातार जुटी हुई है।

मां ने की मंदिर बनाने की घोषणा
धीरीश के मिलने के बाद पुलिस ने इसकी सूचना तुरंत परिजनों को दी। धीरीश की मां मंजू से वीडियो कॉलिंग से बात भी करवाई। बेटे को देख मां फूट फूटकर रोने लगी। बाद में उसने  भाटीवाड़ गांव में दुर्गा माता का मंदिर बनवाने की घोषणा भी की। इस दौरान सैंकड़ों स्कूली बच्चों ने घर के बाहर हनुमान चालीसा के पाठ भी किए।

सुबह हुआ था अपहरण
9 वर्षीय धीरीश का आज सुबह स्कूल जाते समय अपहरण कर लिया गया था। नवलगढ़ रोड  स्थित घर से वह नाना के साथ स्कूटी पर स्कूल जा रहा था। तभी बिना नम्बरों की बोलेरो में सवार होकर आए बदमाशों ने झुंझुनूं बाइपास के पास अपनी गाड़ी स्कूटी के आगे लगा दी। इसके बाद उसमें से उतरे बदमाश जबरन उसे उठाकर गाड़ी में डालकर फरार हो गए। सूचना पर उद्योग नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और तुरंत नाकाबंदी करवाई। एसपी कुंवर राष्ट्रदीप ने भी मौका मुआयना किया। करीब 25 थानों की पुलिस दिनभर उसकी तलाश में जुटी रही।  

नाना को कहा देखकर नहीं चलाते अंकल
धीरीश के कोचिंग संचालक पिता महावीर हुड्डा ने बताया कि उसका बेटा नवजीवन स्कूल में पहली कक्षा का छात्र है। जिसे उसके नाना जैसाराम रोजाना पौने आठ से आठ के बीच स्कूल छोडऩे जाते थे। इसी बीच रास्ते में बोलेरो सवार बदमाशों ने उन्हें रोक लिया। पहले तो बदमाशों ने उनसे कहा कि अंकल आप गाड़ी देखकर नहीं चलाते हो और फिर उतरकर उन्हें धक्का देते हुए गिरीश को उठाकर गाड़ी में डालकर ले गए। जिसके बाद इसकी सूचना पुलिस को दी गई।

कोई रंजिश या फिरौती नहीं
मामले में गिरीश के पिता महावीर हुड्डा ने बताया कि अपहरण को लेकर उन्हें किसी पर संदेह नहीं है। उनकी किसी से कोई रंजिश नहीं है। फिरौती के लिए भी अब तक किसी का फोन उनके पास अब तक नहीं आया है।

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