कोचिंग संचालक के बेटे किडनैपिंग मामलाः इतनी मोटी रकम के लिए हुआ था अपहरण, मासूम ने बताई हैरान करने वाली आपबीती

राजस्थान के सीकर जिले के मंगलवार 4 अक्टूंबर की सुबह कोचिंग संचालक के 9 साल के मासूम बेटे का अपहरण 50 लाख रुपए की मोटी रकम के लिए हुआ था। पीड़ित को यदि ग्रामीणों की मदद ना मिलती तो बचाव करना नामुमकिन था। मासूम ने अपनी जुबानी बताई आपबीती।

Sanjay Chaturvedi | Published : Oct 5, 2022 5:12 AM IST / Updated: Oct 05 2022, 10:51 AM IST

सीकर. राजस्थान के सीकर जिले में मंगलवार 4 अक्टूंबर को हुए कोचिंग संचालक महावीर हुड्डा के 9 वर्षीय बेटे धीरीश उर्फ गन्नू का अपहरण फिरौती के लिए ही हुआ था। अपहरणकर्ता उसके परिवार से 50 लाख रुपए की मांग करने वाले थे। ये बात उनके चंगुल से आजाद हुए गन्नू ने खुद पुलिस व मीडिया को बताई है। उसने देर रात घर पहुंचने के बाद बताया कि बदमाश गाड़ी में भी नकाब पहने हुए थे। जो फोन पर किसी से फिरौती के 50 लाख रुपये मांगने की बात कह रहे थे। जो नहीं देने पर बच्चे को फेंक देने का भी जिक्र कर रहे थे। उसने बताया कि बदमाशों ने उससे भी कहा कि वह अपने पिता से कहे कि 50 लाख रुपये देकर उसे छुड़ा ले जाए। पर गनीमत से पुलिस व ग्रामीणों की मदद से उसे बदमाशों के चंगुल से बचा लिया गया।

ग्रामीणों की मदद से बची जान, एसपी ने कही प्रशस्ति पत्र देने की बात
गन्नू को अपहरणकर्ताओं (kidnappers) से मुक्त करवाने में झुंझुनूं के भाटीवाड़ा गांव के लोगों की बड़ी भूमिका रही। जिन्होंने पुलिस द्वारा बदमाशों की लोकेशन गांव में बताने पर अपने स्तर पर कई गाडिय़ां उन्हें ढूंढने में लगा दी। फिर कातली नदी के बाद पुलिस के साथ मिलकर बदमाशों का घेराव कर लिया। चारों तरफ घिरने पर उनके पास भागने के अलावा कोई चारा नहीं बचा। ऐसे में वे गन्नू को गाड़ी में ही छोड़कर फरार हो गए। मामले में एसपी कुंवर राष्ट्रदीप ने मिशन में सहयोगी रहे ग्रामीणों को अपने स्तर पर प्रशस्ती पत्र देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि यदि ग्रामीणों का सहयोग नहीं होता तो आरोपियों को घेरकर गन्नू को बचाना नामुमकिन होता।

स्कूल जाते समय हुआ था किडनैप
सीकर जिले में मंगलवार सुबह 9 वर्षीय गुन्नू का उर्फ धीरीश का स्कूल जाते समय अपहरण कर लिया गया था। वह नवलगढ़ रोड स्थित घर से नाना के साथ स्कूटी पर स्कूल जा रहा था। तभी बिना नम्बरों की बोलेरो में सवार होकर आए बदमाशों ने झुंझुनूं बाइपास के पास अपनी गाड़ी स्कूटी के आगे लगा दी। इसके बाद उसमें से उतरे बदमाश जबरन उसे उठाकर गाड़ी में डालकर फरार हो गए। घटना के बाद पुलिस ने सीकर, चूरू, झुंझुनूं व नागौर में नाकाबंदी कर दी। पुलिस की जांच में आरोपियों की गाड़ी सीसीटीवी फुटेज में कैद भी मिली। जिसके आधार पर पुलिस ने उनका पीछा शुरू करते हुए रात करीब सात बजे बच्चे को भाटीवाड़ से बरामद किया। 

घर में देर रात तक चला जश्न, गाई माता की आरती
धीरीश के लौटने के बाद घर में देर रात तक जश्न का माहौल रहा। पुलिस टीम द्वारा उसे घर लाते ही उसकी मां मंजू फूट फूटकर रोने लगी। काफी देर तक उसे गले से लगाए रखा। इस दौरान सभी ने पुलिस व ग्रामीणों के कार्य की सराहना की। सामूहिक हनुमान चालीसा के बाद इस दौरान मां दुर्गा की आरती भी गाई गई।

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