राजस्थान की बेटी ने रचा इतिहास: इंग्लैंड में लग रहे कामयाबी के नारे...ऐसी सफलता पाने वाली बनी पहली इंडियन गर्ल

सीकर जिले की एक बेटी रचना ढाका ने इंग्लैंड की कील यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट यूनियन चुनाव में उपाध्यक्ष पद पर जीत हासिल की है। रचना ऐसी पहली भारतीय गर्ल हैं जिसने यह उपलब्धि हासिल है। रचना को स्टूडेंट्स यूनियन की ओर से गोल्डन अवार्ड से भी नवाजा  जा चुका है। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 9, 2022 7:55 AM IST

सीकर. राजस्थान के सीकर जिले की एक बेटी ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। जिले के लक्ष्मणगढ़ की बासनी बैरास गांव की बेटी रचना ढाका ने इंग्लैंड की कील यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट यूनियन चुनाव में उपाध्यक्ष पद पर जीत हासिल की है। इसी के साथ रचना पोस्ट ग्रेजुएट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष का चुनाव जीतने वाली पहली भारतीय स्टूडेंट बन गई है। इससे पहले रचना लक्ष्मणगढ़ में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं अभियान की ब्रांड एंबेसेडर भी रहने के साथ टाटा इंस्टीट्यूट के साथ घुमंतू जनजातियों के अधिकारों के लिए भी काम कर चुकी है। मौजूदा समय में वह कील यूनिवर्सिटी से आपराधिक न्याय विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रही है। रचना के उपाध्यक्ष चुने जाने पर पूरे गांव में खुशी का माहौल है।

गोल्डन अवार्ड से सम्मानित 
रचना को स्टूडेंट्स यूनियन की ओर से गोल्डन अवार्ड से भी नवाजा  जा चुका है। रिफ्यूजी बच्चों की पढ़ाई व मानसिक स्वास्थ्य की समस्या से जुड़े बच्चों के लिए अमेटी हब संस्था के साथ प्रोजेक्ट पूरा करने पर उन्हें इस अवार्ड से सम्मानित किया गया था। अब वह पीजी स्टूडेंट एसोसिएशन की गतिविधियों में शामिल होने के साथ यूनिवर्सिटी की विभिन्न कमेटी में कील के पीजी स्टूडेंट्स का प्रतिनिधित्व कर उनकी समस्याओं व मत को पेश करेगी।

पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी है मां, पिता भी शिक्षक
रचना ढाका की मां मोहिनी ढाका जिला शिक्षा अधिकारी के पद से सेवानिवृत है। जबकि पिता भी वरिष्ठ शारीरिक शिक्षक पद से सेवानिवृत होने के साथ पर्यावरण संरक्षक की भूमिका निभा रहे हैं। इसी तरह रचना का बड़ा भाई  विकास जोधपुर में बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के उप सचिव हैं तो छोटा भाई विवेक लेफ्टिनेंट पद पर चयन के बाद प्रशिक्षण हासिल कर रहा है।

विश्व की टॉप यूनिवर्सिटीज है...जिसमें बनी उपाध्यक्ष
बतादें कि इग्लेंड की कील यूनिवर्सिटी विश्व की टॉप यूनिवर्सिटीज में शामिल है। जिसकी रेटिंग 4.2 है। 1949 में स्टेफोर्डशायर में बनी शिक्षण संस्था को 1962 में यूनिवर्सिटी का दर्जा मिला था।

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