
सीकर (sikar). राजस्थान में बीते दिनों राजधानी जयपुर में हुए धर्मांतरण कार्यक्रम के बाद मुद्दा पूरी तरह से गरमाया हुआ है। कई मीडिया हाउस ने राजस्थान में धर्मांतरण को लेकर खबरें प्रकाशित की। जिसके बाद सीकर से सांसद सुमेधानंद सरस्वती ने इस मामले को लेकर प्रदेश की गहलोत सरकार को घेरा है। सांसद ने कहा है कि राजस्थान में सरकार को सब कुछ पता है लेकिन वह अपने आलाकमान को खुश करने के चक्कर में इस पर चुप्पी साधे हुए हैं।
सीएम ने चाटूकारिता के चलते साध रखी है चुप्पी
सीकर सांसद सरस्वती ने कहा है कि भारत में धर्मांतरण का काम अंग्रेजी हुकूमत ने शुरू किया था। जो सबसे पहले बिहार और उड़ीसा जैसे इलाकों में हुआ। इसके बाद पंजाब में भी कई सिखों का ही धर्मांतरण हुआ। अब यह काम राजस्थान में हुआ। जहां राजस्थान में राजधानी जयपुर में एक कार्यक्रम में समुदाय विशेष के लोगों को लालच देकर ईसाइयत धर्म अपनाने का लालच दिया गया। ऐसे में यह साफ है कि राजस्थान में भी अंग्रेजी हुकूमत के लोगों ने धर्मांतरण का अभियान शुरू कर दिया है। वही प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जिन्हे इस बारे में सब कुछ पता है। वह सब बातों से अनजान है। क्योंकि ईसाइयत के खिलाफ बोलने का मतलब पार्टी की नेता सोनिया गांधी के खिलाफ बोलना है।
सांसद ने कहा- चलाएंगे अभियान
सांसद ने कहा कि वह भटके हुए लोगों को वापस लाने के लिए अलग से एक अभियान चलाएंगे। संघ भी इसमें पूरी तरह से सक्रिय रहेगा। दरअसल पूरे मामले की शुरुआत वाटिका सेक्टर से हुई थी।धर्मांतरण को लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बकायदा इसमें ज्यादा से ज्यादा लोगों को शामिल करने के लिए शहर में पोस्टर भी लगवाए गए। कार्यक्रम हुआ भी और उसके बाद धर्मांतरण भी हुआ। लेकिन पुलिस पूरे मामले से बेखबर रही। अब इस पूरे मामले में पुलिस का कहना है कि मामले में अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है। हालांकि कुछ लोगों ने विरोध किया था। जिसको लेकर चर्च के फादर से पूछताछ की गई। फादर ने पूछताछ में बताया कि धर्मांतरण का कोई कार्यक्रम नहीं था। कार्यक्रम हर सप्ताह होने वाले प्रार्थना का एक हिस्सा था। ऐसे में अब देखना होगा कि इस पूरे मामले को लेकर भाजपा गहलोत सरकार को किस तरह से घेरती है।
सांसद ने कहा कि वह भटके हुए लोगों को वापस लाने के लिए अलग से एक अभियान चलाएंगे। संघ भी इसमें पूरी तरह से सक्रिय रहेगा। वहीं इस पूरे मामले में पुलिस का कहना है कि ऐसी कोई शिकायत उन्हें नहीं मिली है। हालांकि कार्यक्रम तो हुआ था।
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