8 फीट ऊंचे और 300 किलो वजनी भालू से भिड़ गई 14 साल की बहादुर बेटी, पिता को मौत के मुंह से बचा लाई

राजस्थान के सिरोही जिले से एक 14 साल की बेटी की बहादुरी भरी कहानी सामने आई है। जहां उसने पिता को मौत के मुंह में जाते देख अपनी जिंदगी दांव पर लगा दी। 8 फीट ऊंचे और 300 किलो वजनी भालू किसान को उठाकर ले जा रहा था। तभी बेटी ने देखा तो वह उससे भिड़ गई।

Asianet News Hindi | Published : Sep 7, 2022 1:09 PM IST

सिरोही. राजस्थान के सिरोही जिले से बेहद हैरान करने वाली खबर सामने आई है। करीब 8 फीट ऊंचे और 300 किलो वजनी भालू से 14 साल की एक लड़की भिड गई। उसने भालू पर जब तक लट्ठ बरसाए तब तक भालू ने उसके पिता को नहीं छोड़ दिया। अचानक हुए इस हमले के बाद भालू हड़बड़ा कर जंगल की ओर भाग गया। लेकिन लड़की के पिता को गंभीर रूप से जख्मी कर गया।  गांव वालों ने पिता को बेहद गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया है। पिता करमा राम चौधरी का गुजरात में इलाज जारी है। इधर परिवार की मुखिया की हालत देखकर परिवार सदमे में है। 

सोशल मीडिया पर हो रही बहादुर बेटी की तारीफ
यह पूरा घटनाक्रम सिरोही जिले के रेवदर कस्बे के सिणधर गांव का है इस घटना के बाद गांव के लोगों ने जोशना की फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी तो सोशल मीडिया पर बहादुर बेटी को सराहा जा रहा है। जोशना का कहना था कि वह आठवीं कक्षा तक पढ़ी है ,लेकिन स्कूल गांव से दूर होने के कारण उसने पढ़ाई छोड़ दी और उसके बाद अब माता-पिता का ख्याल रखती है एवं उनके साथ खेत पर हाथ बताती है बटाती है । स्थानीय ग्रामीणों का कहना था कि रेवदर कस्बे के आसपास जंगली क्षेत्र है। वहां से अक्सर भालू और पैंथर शिकार के लिए गांव में आते हैं । अक्सर मवेशी उठा ले जाते हैं । लेकिन बहुत महीनो के बाद यह पहला मौका है जब किसी भालू ने इंसान की जान लेने की कोशिश की है । 

सो रहे किसान को खींचकर ले जा रहा था भालू...तभी आ गई बहादुर बेटी
जोशना ने बताया कि उसके पिता खेत में चारपाई पर सो रहे थे और वह अपनी मां के साथ पास ही एक झोपड़ी में सो रही थी। अचानक पिता के चीखने की आवाज आई । रात के 3:00 बजे जब वह बाहर निकली तो देखा कि भालू पिता को दबोच कर ले जाने की कोशिश कर रहा है । झोपड़ी के पास ही एक मोटा लट्ठ रखा हुआ था। जोशना ने वह उठाया और उसके बाद भालू के ऊपर हमला कर दिया।  भालू के सिर और पीठ पर कई वार किए।  इस बीच उसकी मां भी वहां आ गई उसने भी भालू को पत्थर मारे ।मां और बेटी ने मिलकर भालू को जंगल की ओर दौड़ा दिया।

भालू के नुकीले दांतों और नाखून के हमले से बहने लगा था खून
भालू का निवाला बनने से पिता करमा राम चौधरी को बचा तो लिया गया लेकिन भालू के नुकीले दांतों और नाखून के हमले के चलते शरीर पर कई गंभीर घाव बन गए हैं। गुजरात में पिता का इलाज जारी है परिवार चिंतित है।  लेकिन चिकित्सकों का कहना है कि जल्द ही सब कुछ सही होने की उम्मीद है। उधर जंगली जानवर विशेषज्ञों का कहना है कि हमले के बाद भालू और ज्यादा आक्रामक हो जाता है।  इसके बहुत चांस है कि वह फिर से हमला करने के लिए आ सकता है।

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