
जोधपुर (राजस्थान). अमूमन 17 या 18 साल की उम्र में स्कूल पूरा होकर कॉलेज की पढ़ाई शुरु हो जाती है, कॉलेज में आते ही लड़के लड़कियों की दोस्ती और फिर बाबू - शोना का चक्कर चलने लगता है। इसमें पडने के बाद मोबाइल पर लंबी बातचीत और फिर मिलना जुलना वगैरह... वगैरह...। अक्सर शहरों में यही सब होता है। लेकिन जो इन चक्करों में नहीं पढकर , लक्ष्य पर ध्यान देने वाले इतिहास रच जाते हैं वे भी बेहद कम उम्र में। सफलता उनके कदमों में आ गिरती है। ऐसी ही सफलता जोधपुर में रहने वाली एक मारवाड़ी लड़की को मिली है। सिर्फ 21 साल की उम्र में वह जज बन गई है और पंद्रह दिन से लगातार कहीं न कहीं उनका स्वागत, सत्कार और आयोजन हो रहे हैं। आपको भी मिलवाले हैं जोधपुर की 21 साल की जज वैदानी सिंह राजपुरोहित से.....।
बाहरवीं के बाद लॉ की पढ़ाई की और रिकॉर्ड बना लिया....
दरअसल, वैदानी सिंह राजपुरोहित मूल रूप से राजस्थान के जोधपुर जिले की रहने वाली है। बारहवीं कक्षा तक सोचा भी नहीं था कि बड़े होकर क्या बनना है। बारहवीं तक वैदानी के पास साइंस मेथ्स थी। इतना कठिन की बच्चे इससे दूर भागते हैं, लेकिन बारहवीं में अच्छे अंक हांसिल किए। फिर बड़ा सवाल कि अब आगे क्या करना है तो वैदानी ने लॉ को चुना और लॉ की पढ़ाई करने के लिए बिहार चली गई। वहां पटना से लॉ किया और उसके बाद आरजेएस को टारगेट बना लिया।
कामयाबी के बाद 15 दिनों से स्वागत-सत्कार जारी
जोधपुर आने के बाद पढ़ाई शुरु की और इतनी लगन से मेहनत की कि सिर्फ 21 साल आठ महीने की उम्र में आजेएस परीक्षा पास कर ली। हाल ही में 30 अगस्त को आरजेएस 2021 के परिणाम जारी हुए हैं। वैदानी सिंह कहती हैं कि सिर्फ लगातार पढ़ाई और मेहनत..... कोई भी शॉर्टकट नहीं है इसके अलावा। पिछले पंद्रह दिन से वे कभी जोधपुर में तो कभी नागौर में अपने परिवार और ननिहाल के लोगों के बीच सफलता को एजांय कर रही हैं। कभी रिश्तेदार तो कभी दोस्तों के यहां उसका 15 दिनों से स्वागत सत्कार जारी है।
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