कन्हैयालाल हत्या के खिलाफ उदयपुर में हाथों में तिरंगा लेकर निकले लोग, भगवा रंग में रंगी स्टेच्यू सर्किल

कन्हैयालाल की हत्या के खिलाफ रविवार को सर्व समाज की ओर से स्टैच्यू सर्किल पर विरोध प्रदर्शन किया गया। स्टैच्यू सर्किल पर हनुमान चालीसा का पाठ किया गया और हत्याकांड को लेकर विरोध जताया। हाथों में तिरंगा और भगवा झंडे लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की गई।
 

Asianet News Hindi | Published : Jul 3, 2022 2:17 PM IST / Updated: Jul 03 2022, 07:52 PM IST

उदयपुर (राजस्थान). उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या के विरोध में रविवार को सर्व समाज की ओर से स्टेच्यू सर्किल पर विरोध प्रदर्शन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में सर्व समाज के लोगों ने इस हत्या की भर्त्सना की। लोगों ने दोषियों को फांसी पर लटकाने और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार से कारगर कदम उठाने की मांग की। सुरक्षा के लिए जयपुर कमिश्नरेट पुलिस ने यहां पर अतिरिक्त जाब्ता लगाया। करीब 2 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया। ड्रोन और अभय कमांड रूप से इस पूरे कार्यक्रम पर नजर रखी। तय कार्यक्रमानुसार पांच बत्ती तक मौन रैली निकाली जानी थी, लेकिन पुलिस प्रशासन से अनुमति नहीं मिलने की वजह से रैली को स्थगित करके सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया। इसके बाद मृतक कन्हैयालाल को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। 

हाथों में तिरंगा और भगवा झंडे लेकर सरकार के खिलाफ की नारेबाजी
रैली शुरू होने से पहले 8 बजे से ही लोगों का स्टेच्यू सर्किल पहुंचना शुरू हो गया। हाथों में तिरंगा और भगवा झंडे हाथ में लिए लोगों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हाथों में 'जिहादी मानसिकता का अंत हो', 'स्लीपर सेल गिरफ्तार हो', 'पत्थरबाज तालिबान, नहीं सहेगा हिन्दुस्तान' जैसे नारे लिखे हाथों में तख्तियां लिए लोगों के चेहरे पर कन्हैयालाल की हत्या का रोष झलक रहा था। मंच से वक्ताओं ने हिंदू समाज के एक होने का हवाला देते हुए कहा कि सरकार को ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई करनी होगी। इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने वाले लोगों के साथ संगठनों पर रोक लगाने की मांग की। वक्ताओं ने कार्यक्रम में आ रहे लोगों को बेरिकेड्स लगाकर रोकने के भी पुलिस और सरकार पर आरोप जड़े। मौके पर पुलिस आयुक्त आनंद श्रीवास्तव भी पहुंचे और आयोजकों को सुरक्षा इंतजाम की जानकारी दी। 

नेताओं को नहीं दी जगह
मंच पर किसी भी पार्टी के नेता को जगह नहीं दी गई। केवल धर्मगुरू, व्यापार और सामाजिक संगठन के लोगों को ही मंच पर स्थान दिया गया। सभी ने अपने संबोधन में घटना की निंदा की और इसके लिए राज्य सरकार की तुष्टिकरण की नीति को जिम्मेदार ठहराया। सभी ने सरकार को चेताया कि गुनहगारों को जल्द से जल्द फांसी पर लटकाया जाए और भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो।

चारदीवारी में सख्ती, बेरिकेड्स लगाकर रोके रास्ते
पहले कार्यक्रम बड़ी चौपड़ पर होना था, लेकिन भीड़ ज्यादा होने और सुरक्षा कारणों की दृष्टि से कार्यक्रम को स्टेच्यू सर्किल पर स्थानांतरित कर दिया गया। इसके बावजूद चारदीवारी में पुलिस की सख्ती नजर आई। 9.15 बजे बाद सूरजपोल गेट से बड़ी चौपड़ तक जगह—जगह बेरिकेड्स लगाकर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद कर दी गई। 

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