
उदयपुर. राजस्थान के उदयपुर में स्थित बोहरा गणपति का मंदिर दुनियाभर में ख्याति प्राप्त है। गणपति के मंदिर में आज भी ऐसी मान्यता है कि मंदिर में काम धंधे, व्यापार, शादी या अन्य जरुरत के लिए पर्ची पर रकम लिखकर गणपति के मंदिर में पर्ची चढ़ाकर मनोकामना मांगी जाती है तो यह मनोकामना पूरी होती है। बस शर्त ये है कि इस रकम को फिर ब्याज समेत लौटाना होता है।
अपनी जरूरतों के लिए लिखते है पर्ची
उदयपुर में स्थित इस मंदिर में आज भी लोग अपनी जरुरतों की पूर्ति के लिए इस पर्ची लिखते हैं। मंदिर इतना मशहूर है कि गणेश चतुर्थी पर लाखों की संख्या में लोग मेले में आते हैं। बताया जाता है कि करीब तीन सौ पचास साल पहले स्थापित हुए इस गणेश मंदिर को बोहरा गणपति के अलावा बोरगणेश के नाम से भी जाना जाता है। राजा रजवाड़ों ने इस प्राचीन मूर्ति को स्थापित किया था ऐसा बताया जाता है। उसके बाद जिस जगह पर स्थापित किया गया वहां बोहरा समाज के लोग रहते हैं। कहा जाता है कि बोहरा समाज के लोग लोगों को ब्याज पर उधार पैसा देते हैं। बोरगत करते हैं। आज भी समाज के लोग यह काम करते हैं। कुछ साल पहले तक लोग अपनी आवश्यक्ताओं के लिए पर्ची लिखकर यहां छोड़ जाते थे। उसके बाद उन्हें अगले दिन पैसा मिल जाता था। पैसा तय समय पर ब्याज समेत लौटाना होता था। दरअसल यह पैसा बोहरा समाज के लोग देते थे। आज भी यह मान्यता है, लेकिन तरीका थोड़ा बदल गया है। मंदिर में आज बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं।
देश में फैले कोरोना वायरस के कारण दो साल तक मेले और अन्य आयोजन नहीं हुए थे लेकिन बुधवार 31 अगस्त के दिन मेले का आयोजन किया गया है। बड़ी संख्या में उदयपुर और आसपास के जिलों के लोग पहुंच रहे हैं।
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