राजस्थान में मौसम ने एक बार फिर करवट ले ली है। मानसून ने प्रदेश में एक बार फिर ब्रेक ले लिया है। जिससे प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में मौसम साफ हो गया है। इससे पहले तक मानसून प्रदेश को जमकर भिगो चुका है।
जयपुर. राजस्थान में मौसम ने एक बार फिर करवट ले ली है। मानसून ने प्रदेश में एक बार फिर ब्रेक ले लिया है। जिससे प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में मौसम साफ हो गया है। इससे पहले तक मानसून प्रदेश को जमकर भिगो चुका है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार राजस्थान में इस बार अब तक 35 फीसदी ज्यादा बरसात हो चुकी है। जिसमें भी खास बात ये है कि अमूमन सूखा माने जाने वाले पश्चिमी राजस्थान में इस बार 60 फीसदी बारिश अतिरिक्त हुई है। जबकि पूर्वी राजस्थान में बारिश की बढ़त 20 फीसदी रही। स्काई मेट वेदर रिपोर्ट के अनुसार इसकी वजह निम्न दबाव के क्षेत्रों की बढ़ी संख्या है। जो मध्य भारत में यात्रा करते हैं और दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम राजस्थान तक पहुंचते हैं। लगभग सभी मौसम प्रणालियों ने भारी बारिश दी है।
उत्तर पश्चिम में कम हुई बारिश
स्काई मेट वेदर रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान में इस बार उत्तर पश्चिमी जिलों में बारिश कम हुई। जिनमें श्री गंगानगर, हनुमानगढ़, चुरू, बीकानेर, झुंझुनू, सीकर, अलवर और भरतपुर जैसे जिले शामिल है। यहां बरसात सामान्य से भी कम दर्ज हुई। जबकि पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, फलोदी तथा पूर्वी राजस्थान के झालावाड़, कोटा, बूंदी, बारां और चित्तौडगढ़़ में भारी बारिश दर्ज हुई है।
तीन संभागों में हल्की बारिश संभव
मौसम विभाग के अनुसार मानसून लौटने से प्रदेश में बारिश का दौर लगभग थमा रहेगा। हालांकि स्थानीय मौसमी तंत्र से कुछेक इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है, जो कोटा, उदयपुर व भरतपुर संभाग में कहीं- कहीं देखने को मिल सकती है।
मौसम साफ रहने से बढ़ेगा दिन का तापमान
मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में मौसम अब सामान्यत: साफ हो गया है। स्थानीय मौसमी चक्र की वजह से पूर्वी राजस्थान में जहां- तहां हल्की बारिश जरूर हो सकती है, लेकिन ज्यादातर जगह मौसम सूखा ही रहेगा। जिसका असर कम से कम एक सप्ताह तक जारी रहेगा। इसके बाद भी अब प्रदेश में खास मानसूनी गतिविधियों की उम्मीद नहीं है। ऐसे में शुष्क हवाओं के साथ तेज धूप से तापमान में फिर कुछ बढ़ोत्तरी हो सकती है।
हालांकि रात के तापमान में इससे अंतर नहीं आएगा। मौसम विभाग के अनुसार राजस्थान से मानसून की विदाई अमूमन सितंबर के दूसरे सप्ताह के बाद हो जाती है, लेकिन इस बार ये तीसरे व चौथे सप्ताह तक हाने की संभावना है।
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