
कोटा (राजस्थान). किसी ने सही कहा है, 'कर्म ही पूजा' है। ऐसे ही मिसाल दी है, राजस्थान के शख्स रमेश चौहान ने, जिनके लिए काम से बढ़कर और कुछ नहीं है। ऐसा उन्होंने साबित भी करके दिखाया। जहां वे अपनी दुल्हन बेटी को डोली में विदा करने के बाद ड्यूटी पर चले गए।
मेहमानों से कहा- थोड़ी देर में आता हूं...
दरअसल, ये मामला रावतभाटा में गुरुवार की सुबह देखने को मिला। यहां की रेफरल अस्पताल में नौकरी करने वाले कर्मचारी रमेश चौहान की बेटी की बुधवार के दिन शादी थी। उन्होंने धूमधाम से शादी की फिर अगले दिन 8: 30 पर बेटी को नम आंखों से विदा कर दिया। विदाई के कुछ देर बाद उन्होंने को खबर मिली की उनको पोस्टमार्टम के लिए जाना है। बस मेहमानों को कहा मैं थोड़ी देर में आता हूं और अपनी ड्यूटी पर चल दिए।
सूट और साफा पहने ही पहुंच गए अस्पताल
रमेश अपनी ड्यूटी के प्रति इतने समर्पित हैं कि उन्होंने कपड़े बदले ही बिना अस्पताल के लिए चले गए। जहां वह सूट और साफा (पगड़ी) पहने हुए मोर्चरी में नजर आए। बता दें कि रमेश के सहयोग के बिना यहां के डॉक्टर पोस्टमार्टम नहीं करते हैं। वह इस काम में एक्सपर्ट हैं।
डॉक्टर रमेश के बिना नहीं कर सकते थे पोस्टमार्टम
परमाणु बिजलीघर के कर्मचारी दिनेश खत्री ने बुधवार के दिन सुसाइड कर लिया था। जिनका अगली सुबह उसका पोस्टमार्टम किया जाना था। ऐसे में पोस्टमार्टम में सहयोग करने वाले कर्मचारी रमेश चौहान की भी जरूरत थी। डॉ अनिल जाटव ने रमेश से बात की।
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