इस उम्र से बच्चे को दे दें अलग कमरा, माता-पिता को जानना चाहिए ये जरूरी बातें

बच्चे को किस उम्र से अलग सुलाना चाहिए, अक्सर माता-पिता के मन में इसे लेकर कन्फ्यूजन होता है। बच्चों को अलग सुलाने की उम्र और इसका सही समय चुनना मुश्किल होता है। तो चलिए बताते हैं बताते हैं उन्हें अलग कमरा देने का सही उम्र क्या है-

रिलेशनशिप डेस्क. कुछ दिन पहले हमारे मित्र घर आए थे और उन्होंने बच्चे को अलग सुलाने का जिक्र छेड़ दिया। उनका कहना था कि विदेश में तो लोग पैदा होने के कुछ महीने बाद ही बच्चे को दूसरे कमरे में सुलाने लगते हैं। लेकिन हमारे यहां ऐसा नहीं होता है। वाकई ये बात सही है। भारत में बच्चे को खुद से अलग करने की माता-पिता सोच भी नहीं सकते हैं। लेकिन एक वक्त बाद बच्चे को अलग कमरे में कुछ वजहों से सुलाना जरूरी होता है। तो चलिए जानते एक्सपर्ट किस उम्र में बच्चे को अलग कमरा देने की बात बताते हैं। (फोटो साभार:freepik.com)

बच्चे को अलग सुलाना या फिर अलग कमरा देना एक ऐसा विषय है जिस पर हर किसी की अपनी अलग-अलग राय हो सकती है। कुछ माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा आत्मनिर्भर बनें। उसे अकेले सोने में डर ना लगें। इसलिए वो कम उम्र से बच्चे को अलग सुलाना शुरू कर देते हैं। तो कुछ का मानना है कि बच्चा साथ में सोता है तो भावनात्मक रूप से मजबूत होता है इसलिए वो काफी उम्र तक बच्चे को साथ लेकर सोते हैं।

Latest Videos

बच्चे को कब अलग सुलाएं?

विशेषज्ञ मानते हैं कि कम से कम एक साल तक बच्चे को अपने साथ सुलाना चाहिए। इसके बाद उन्हें अपने बिस्तर के बगल बिस्तर लगाकर सुलाना चाहिए। पांच से छह साल का बच्चा हो जाए तो उन्हें अलग कमरे में सुलाना चाहिए। ऐसा करने से धीरे-धीरे उनका डर कम होने लगेगा। अचानक बच्चे को कभी भी अलग कमरे में नहीं सुलाना चाहिए। 

हर बच्चा अलग होता है

वहीं सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट और लाइफस्टाइल एक्सपर्ट ल्यूककोटिन्हो ने अपने इंस्टाग्राम पर बताया कि हर बच्चा अलग होता है। उन्हें प्यार और सुरक्षा की जरूरत होती है। जिसे पूरा करना पैरेंट्स की जिम्मेदारी होती है। बच्चे को खुद से अलग सुलाने की आदत एक दिन में पैदा नहीं की जा सकती है। इसके लिए आपको शुरुआत करनी चाहिए। शुरुआत में आप बच्चे को अपने साथ लेकर सोए। बाद में बगल वाले बिस्तर पर सुलाएं और फिर अलग कमरा दें। कई बार तो बच्चे खुद ही समझ जाते हैं कि उन्हें अलग सोना चाहिए। उन्हें खुद की प्राइवेसी चाहिए होता है। इसलिए संभव हो तो बच्चे के लिए अलग कमरा बनवाना चाहिए। बच्चे की पसंद के अनुसार उसे सजाए संवारे। उसे इस तरह बनाए कि बच्चा अपने कमरे में ज्यादा वक्त गुजारे। वहीं सोना पसंद करें। 

बच्चे को आत्मनिर्भर बनना सीखाएं

अगर बच्चा अलग कमरे में सोता है और अचानक उठकर आपके पास आ जात है तो उसे अपने पास सुलाने की बजाय उसके साथ उसके कमरे में जाएं। वहां उसके साथ थोड़ी देर सोएं। ताकि उसके मन का डर निकल जाए। अगर आप अपने साथ सुला लेंगी तो उसके मन का डर नहीं निकलेगा। उसे बताना जरूरी होता है कि उसे खुद पर निर्भर होना चाहिए। उसे अलग कमरे में सोने के लिए प्रोत्साहित करें।

और पढ़ें:

यहां शारीरिक संबंध बनाने के लिए दफ्तर से मिलती है छुट्टी, जानें सरकार ने क्यों बनाया है ये अनोखा नियम

मैरेज लाइफ में ताउम्र भरना है रोमांच, तो कम सेक्स समेत इन 6 स्टेप को करें फॉलो

तलाकशुदा दुल्हन के प्यार में लुट गया बिजनेसमैन, पहले यूरोप टूर कराया, फिर गंवाया लाखों के पुश्तैनी जेवरात

Share this article
click me!

Latest Videos

Devendra Fadnavis के लिए आया नया सिरदर्द! अब यहां भिड़ गए Eknath Shinde और Ajit Pawar
कड़ाके की ठंड के बीच शिमला में बर्फबारी, झूमने को मजबूर हो गए सैलानी #Shorts
पहले गई सीरिया की सत्ता, अब पत्नी छोड़ रही Bashar Al Assad का साथ, जानें क्यों है नाराज । Syria News
राजस्थान में बोरवेल में गिरी 3 साल की मासूम, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी । Kotputli Borewell News । Chetna
Delhi Election 2025 से पहले Kejriwal ने दिया BJP की साजिश का एक और सबूत #Shorts