क्या पार्टनर है चिंता और डिप्रेशन का शिकार, इन 5 तरीकों से होगा फायदा

आजकल की भागदौड़ वाली जिंदगी और तरह-तरह की समस्याओं के कारण ज्यादातर लोग चिंता और डिप्रेशन की समस्या के शिकार होने लगे हैं।

Asianet News Hindi | Published : Mar 21, 2020 10:08 AM IST

रिलेशनशिप डेस्क। आजकल की भागदौड़ वाली जिंदगी और तरह-तरह की समस्याओं के कारण ज्यादातर लोग चिंता और डिप्रेशन की समस्या के शिकार होने लगे हैं। अगर कोई भी पार्टनर इस तरह की समस्या से जूझ रहा हो तो इससे रिलेशनशिप में परेशानियां आने लगती हैं। ऐसी परेशानी कुछ तात्कालिक समस्याओं की वजह से होती है, लेकिन कई बार यह जड़ जमा लेती है। अगर चिंता हमेशा बनी रहती हो तो इससे तनाव और आगे चल कर डिप्रेशन की समस्या पैदा हो जाती है। इसमें इंसान के व्यवहार में कई तरह के बदलाव आने लगते हैं। वह उदास रहने लगता है। उसकी भूख भी कम हो जाती है और नींद भी ठीक से नहीं आती। डिप्रेशन की समस्या में कुछ लोगों को गुस्सा काफी आता है तो कुछ किसी भी बात पर जल्दी रिएक्ट नहीं करते। पार्टनर के साथ उनके फिजिकल रिलेशनशिप पर इसका नेगेटिव असर पड़ता है। अगर आपका पार्टनर इस तरह की समस्या का शिकार हो तो कुछ खास तरीके अपना कर एक हद तक उस ठीक कर सकते हैं।

1. सहानुभूति के साथ पेश आएं
अगर आपका पार्टनर एंग्जाइटी और डिप्रेशन की समस्या से जूझ रहा हो तो उसके साथ सहानुभूति के साथ पेश आएं। हो सकता है, वह कुछ ऐसी बातें कहे या ऐसा व्यवहार करे, जो आपको पसंद नहीं आए, लेकिन इसके बावजूद आप गुस्से में रिएक्ट नहीं करें। अगर आप पार्टनर के साथ संवेदनशीलता भरा व्यवहार करेंगे तो उसकी समस्या कम हो सकती है।

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2. हेल्दी फूड दें
एंग्जाइटी और डिप्रेशन में किसी की भी भूख कम हो जाती है। वैसे, कुछ लोग डिप्रेशन होने पर ज्यादा भी खाने लगते हैं। दोनों स्थिति ठीक नहीं है। अगर आपको पार्टनर में डिप्रेशन के लक्षण दिख रहे हों तो उसे समय पर हेल्दी फूड खाने को दें। इससे मस्तिष्क में डोपामाइन का लेवल सही रहता है, जिससे अवसाद की समस्या कम होती है।

3. साथ घूमने निकलें
डिप्रेशन के शिकार लोग अक्सर घर में ही रहना पसंद करते हैं। वे जल्दी घर से बाहर नहीं निकलना चाहते। इससे उनकी परेशानी बढ़ती जाती है। अगर आपका पार्टनर डिप्रेशन की समस्या से जूझ रहा हो तो उसके साथ सुबह-शाम जरूर पार्क में सैर करने जाएं। इससे वह बेहतर महसूस करेगा।

4. बातें करें
डिप्रेशन की समस्या से जूझ रहे लोग किसी से ज्यादा बात करना पसंद नहीं करते। वे अकेले पड़े कुछ न कुछ सोचते रहते हैं, जिससे उनमें नेगेटिविटी बढ़ती चली जाती है। अगर आपको पार्टनर में डिप्रेशन के लक्षण नजर आ रहे हैं, तो उसके नहीं चाहने के बावजूद बातें करें। बातें ऐसी करें जिससे उसके दिमाग पर बोझ नहीं पड़े। इस दौरान आप यह जानने की कोशिश करें कि आखिर समस्या की वजह क्या है। अगर बातों से इस समस्या की वजह पता चल गई तो इसका निदान आसानी से हो सकेगा।

5. मनोचिकित्सक से मिलें
हमारे समाज में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति सजगता की कमी है। लोग समस्या होने के बावजूद मनोचिकित्सक या काउंसलर के पास जाना पसंद नहीं करते। लेकिन अगर डिप्रेशन की समस्या बढ़ गई हो तो वह अपने आप ठीक नहीं होगी। इस समस्या को मनोचिकित्सक ही ठीक से समझ सकता है। इसलिए पार्टनर को तैयार करें। मनोचिकित्सक की सलाह कारगर साबित होगी। अगर समस्या ज्यादा नहीं बढ़ी हो तो दवाइयों की जरूरत नहीं पड़ती। काउंसलिंग के कुछ सेशन से काफी फायदा होता है।

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