Study: ब्रेकअप के बाद अंदर से इतना टूट जाते है पुरुष, हो सकता है इस गंभीर बीमारी का खतरा

हाल ही में हुए एक स्टडी से पता चला है कि ब्रेकअप के बाद पुरुषों में चिंता, डिप्रेशन और आत्महत्या सहित मानसिक बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।

Asianet News Hindi | / Updated: Feb 01 2022, 11:27 PM IST

रिलेशनशिप डेस्क : प्यार होना बहुत ही प्यारा अहसास है। लेकिन ब्रेकअप (breakup) बहुत ही मुश्किल हैं। इससे बाहर निकलना एक दर्दनाक प्रक्रिया है और किसी को फिर से शांति में आने में सालों लग सकते हैं। वैसे तो ब्रेकअप से उभरना लड़का या हो लड़की दोनों के लिए मुश्किल होता है। लेकिन एक नए अध्ययन से पता चला है कि ब्रेकअप के बाद पुरुषों में चिंता, डिप्रेशन (Depression) और आत्महत्या सहित मानसिक बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।

कहां हुई स्टडी
यह अध्ययन 'सामाजिक विज्ञान और चिकित्सा - स्वास्थ्य में गुणात्मक अनुसंधान' में प्रकाशित हुआ है। जिसमें ब्रेकअप के बाद पुरुषों की मानसिक स्थिति (mental health) पर रिसर्च की गई। जिसमें निष्कर्ष निकला कि, ऐसे पुरुषों की मानिसक स्थिति खराब हो जाती है। अध्ययन में यह भी पाया गया कि जो पुरुष अपने ब्रेकअप के बाद अपसेट होते है, वह क्रोध, अफसोस, उदासी और शर्म  जैसी भावनाओं का सामना करने के लिए शराब सहित अन्य नशीले पदार्थों का इस्तेमाल करते हैं।

क्या कहते हैं वैज्ञानिक
कनाडा के अनुसंधान अध्यक्ष और नर्सिंग के यूबीसी प्रोफेसर, अध्ययन के प्रमुख लेखक डॉ जॉन ओलिफ का कहना है कि, 'ज्यादातर पुरुषों ने एक ब्रेकअप के दौरान या रिश्ते के टूटने के बाद मानसिक बीमारी के लक्षणों की शुरुआत या बिगड़ने का अनुभव किया, जिसका असर पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ा है।' उन्होंने कहा कि 'शादी के बाद अलग होने पर पुरुषों में आत्महत्या के जोखिम का चौगुना हो जाता है।'

कैसे हुई स्टडी
यूबीसी के मेन्स हेल्थ रिसर्च प्रोग्राम में डॉ ओलिफ और टीम ने ब्रेकअप या  रिश्ते के टूटने के बाद 47 पुरुषों का इंटरव्यू लिया। जिसमें पाया गया कि जब पुरुषों को अपने रिश्तों में संघर्ष का सामना करना पड़ता है, तो पुरुष मुद्दों को कम आंकते हैं, जिससे रिश्ते और भी टूट जाते हैं। इसके साथ ही पुरुषों में चिंता, डिप्रेशन और आत्महत्या सहित मानसिक बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।

दूसरी ओर पॉजिटिव साइड में अध्ययन से पता चला कि एक रिश्ते के टूटने के बाद, पुरुषों ने अपनी मानसिक स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कई तरह के संसाधनों को शामिल किया। इसमें व्यायाम, पढ़ने और सेल्फ देखभाल जैसे व्यक्तिगत या एकान्त प्रयास शामिल थे।

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