पति अगर बिना वजह पत्नी को छोड़कर चला जाए, तो वाइफ के पास क्या है कानूनी विकल्प यहां जानें

पति-पत्नी का साथ ना सिर्फ पारंपरिक रूप से बल्कि कानूनी रूप से भी जीवन भर का होता है। दोनों बिना किसी कारण एक दूसरे से दूर नहीं रह सकते हैं। अगर पति बिना किसी वजह के पत्नी को छोड़कर चला जाए तो पत्नी कानून का डंडा चला सकती है। आइए जानते हैं हिंदू विवाह अधिनियम के बारे में।

रिलेशनशिप डेस्क. 51 साल की गायत्री पिछले 15 साल से अपने मायके में रह रही हैं। बिहार के एक छोटे से गांव में वो सुहागन होते हुए भी अकेली जिंदगी जी रही हैं। उनके पति ने घर से निकाल दिया। उन्होंने उनसे कहा कि वो अब उनके साथ रहना नहीं चाहते हैं। वो मायके आ गई। मायके वालों ने पहले तो उन्हें मनाने की कोशिश की, लेकिन जब वो नहीं माने तो गायत्री को अपने पास रख लिए। ना तो गायत्री को अपने अधिकार के बारे में पता है और ना ही मायके वालों को। ये कहानी सिर्फ गायत्री की नहीं, बल्कि लाखों महिलाओं की हैं। उन्हें नहीं पता कि कानून में कुछ प्रावधान बनाए गए हैं कि बिना किसी वजह के पति या पत्नी दोनों एक दूसरे को नहीं छोड़ सकते हैं। तो चलिए बताते हैं हिंदू विवाह अधिनियम के तहत क्या प्रावधान हैं। 

हिंदू विवाह अधिनियम 1955 धारा 9 के तहत कोर्ट का रुख कर सकती है महिला

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भारतीय कानून में महिलाओं को कई अधिकार दिए गए हैं। जिसकी जानकारी होना उन्हें बहुत जरूरी है। हिंदू विवाह अधिनियम 1955 धारा 9 के तहत किसी घर से निकाली गई महिला को अधिकार देती है कि वह कोर्ट में अर्जी दाखिल करके पति के घर वापस भेजने की अपील कर सकती है।

अगर वो वापस घर जाना चाहती है तो कोर्ट पति को यह आदेश देता है कि वो अपनी पत्नी को वापस घर लेकर जाए। और गृहस्थ जीवन को ठीक करें।

महिला को यह भी अधिकार मिला है कि वो जहां है वहीं, से कोर्ट में अपील कर सकती है।अगर वो माता-पिता के घर पर है तो वहां के कोर्ट में अर्जी दायर कर सकती है। मसलन अगर महिला पटना में रह रही है और पति मुंबई में है तो महिला कुटुंब न्यायालय या फिर जिला न्यायालय में आवेदन कर सकती है।

घरेलू हिंसा अधिनियम 12 के तहत भी महिला  पुन:प्रवेश अर्जी कर सकती है दायर

इसके अलावा घरेलू हिंसा अधिनियम 12 के तहत अगर महिला को घर से निकाल दिया गया है तो वो वहां जाने के लिए पुन:प्रवेश अर्जी दायर कर सकती है। इतना ही नहीं वो अपनी संपत्ति की भी मांग कर सकती है।इस धारा के तहत  महिला भरण-पोषण भी पति से हासिल कर सकती है। 

CRPC 1973 के धारा 125 के तहत मांग सकती हैं मेंटेनेंस 

अगर पति बिना किसी बात के महिला को घर से निकाल दिया है और वो अलग रह रही है तो दंड प्रक्रिया संहिता  (CRPC) 1973 धारा-125 के तहत न्यायालय में आवेदन करके भरण-पोषण की मांग कर सकती है। वो जहां रहती है वहां के कोर्ट में धारा 125 के तहत आवेदन कर सकती है। 

CRPC की धारा 154 के तहत FIR कर सकती है महिला

अगर पति ने मारपीट कर घर से निकाल दिया और पलट कर नहीं देखा तो महिला के पास उसे सही रास्ते पर लाने का एक और हथियार है। महिला पुलिस थाने जाकर कंप्लेन दर्ज करा सकती है।  दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 (CRPC) की धारा 154 के अंतर्गत एफआईआर (FIR) करवाई जा सकती है।

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