ईसाई (Christianity) हर साल अप्रैल महीने में गुड फ्राइडे (Good Friday) के दिन को ईशा मसीह की कुर्बानी को याद करते हुए प्रार्थना करते हैं। प्रभु यीशू लोगों को प्रेम का संदेश देते रहे, यही बात कुछ कटट्टरपंथियों को खटकती रही, इसके लिए उन्हें तरह-तरह की यातनाएं दी गई।
धर्म डेस्क : ईसाई धर्मावलंबियों के लिए गुड फ्राइडे, क्रिसमस जैसा ही अहम दिन है। इस दिन से तकरीबन 40 दिन पहले से ही ईसाई धर्म के लोग व्रत- प्रार्थना शुरु कर देते हैं। कुछ लोग इस 40 दिन की अवधि में मांस कासेवन भी नहीं करते हैं। ईसाइयों के प्रमुख ग्रंथ है बाइबिल (Bible) के मुताबिक जिस दिन प्रभु ईसा मसीह (Jesus Christ) ने अपने जीवन की कुर्बानी दी थी, उस दिन फ्राइडे था। इसलिए इस दिन को बलिदान दिवस के रुप में मनाया जाता है। ईसाई लोगों का मानना है कि प्रभु यीशू ने इस दिन यातना झेलकर, कॉस पर लटककर अपना बलिदान दिया, उस पीड़ा को याद करते हुए इस दिन को सम्मान के रुप में याद किया जाता है।
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ग्रेट फ्राइडे या ब्लैक फ्राइडे नाम भी प्रचलित
ईसाई (Christianity) हर साल अप्रैल महीने में गुड फ्राइडे (Good Friday) के दिन को ईशा मसीह की कुर्बानी को याद करते हुए प्रार्थना करते हैं। प्रभु यीशू लोगों को प्रेम का संदेश देते रहे, यही बात कुछ कटट्टरपंथियों को खटकती रही, इसके लिए उन्हें तरह-तरह की यातनाएं दी गई, लेकिन इसके बाद भी वे लोगों की सेवा भाव में जुटे रहे, आखिरकार उन्होंने भलाई की खातिर अपना बलिदान दे दिया। जिस दिन ये घटना हुई उसे गुड फ्राईडे का नाम दिया गया, ये सबसे खास दिनों में से एक है इसलिए इसे गुड फ्राइडे कहा जाता है। हालांकि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में इस दिन को ग्रेट फ्राइडे या ब्लैक फ्राइडे (Great Friday or Black Friday) के नाम से भी जाना जाता है।
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गुड फ्राइडे कहने की मुख्य वजह
प्रभु यीशु को जिस दिन सूली पर चढ़ाया गया था, उस दिन को गुड फ्राइडे के रुप में मनाया जाता है। प्रभु ईसा मसीह के बलिदान दिवस को गुड यानि अच्छा कहने के पीछे की बड़ी वजह है, दरअसल ऐसी मान्यता है कि प्रभु यीशु मसीह ने अपनी मृत्यु के बाद फिर से जीवित हो गए थे। ईस्टर यानि सनडे को उनकी वापसी हुई थी। इसके साथ ही उन्होंने पूरी दुनिया को ये मैसेज वह हमेशा मनुष्यों के साथ हैं और उनकी भलाई करना ही उनका एकमात्र उद्देश्य है।
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17 अप्रैल को ईस्टर
वैसे तो गुड फ्राइडे ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाने की वजह से शोक का दिन है, ये वो दिन होता है जब ईसाई समुदाय के ज्यादतर लोग चर्च में प्रेयर करते हुए फास्ट करके व्यतीत करते हैं। शहरों में इस दिन शोभा यात्रा निकालकर ईसा मसीह के साथ हुए घटना को प्रतीकात्मक तरीके से दोहराया जाता है। उनके बलिदान को याद किया जाता है। गुड फ्राइडे के तीसरे दिन यानी सनडे को प्रभु यीशु सूली पर चढ़ाए जाने के बावजूद जीवित होकर वापस आए थे। इसके बाद वो लगातार 40 दिन तक लोगों को प्रेम का संदेश देते रहे। प्रभु यीशु के जीवित होने की दिन को ईस्टर संडे के रूप में मनाया जाता है जो इस बार 17 अप्रैल को है।