Mathura Me Janmashtami Kab Hai: मथुरा-वृंदावन में कब मनाई जाएगी जन्माष्टमी? आज ही नोट कर लें सही डेट

Janmashtami 2023 Date: जन्माष्टमी पर्व को लेकर लोगों के मन में काफी कन्फ्यूजन है। कुछ स्थानों पर ये पर्व 6 सितंबर को कुछ जगहों पर 7 सितंबर को मनाया जाएगा। ये पर्व भगवान श्रीकृष्ण के जन्म उत्सव के रूप में मनाया जाता है।

 

Manish Meharele | Published : Sep 2, 2023 4:17 AM IST / Updated: Sep 07 2023, 08:29 AM IST

उज्जैन. धर्म ग्रंथों के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। इस बार इस पर्व को लेकर कन्फ्यूजन की स्थिति बन रही है। (Janmashtami 2023 Date) कुछ पंचांगों में ये पर्व 6 सितंबर को बताया गया है तो कुछ में 7 सितंबर को। ये कन्फ्यूजन अष्टमी तिथि 2 दिन होने से बन रहा है। आगे जानिए, कब से कब तक रहेगी अष्टमी तिथि, मथुरा-वृंदावन में कब मनाया जाएगा जन्माष्टमी पर्व…

कब से कब तक रहेगी अष्टमी तिथि? (Kab Hai Janmashtami 2023)
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 06 सितंबर, बुधवार की दोपहर 03:38 से शुरू होकर 07 सितंबर, गुरुवार की दोपहर 04:14 तक रहेगी। इस तरह अष्टमी तिथि का संयोग 2 दिन बन रहा है। इस कारण कुछ स्थानों पर जन्माष्टमी का पर्व 6 को कुछ जगह 7 सितंबर को मनाया जाएगा।

क्यों बन रहा है कन्फ्यूजन? (Janmashtami Kis Tarikh Ko Hai)
जन्माष्टमी पर्व को लेकर अलग-अलग संप्रदायों में विभिन्न मत हैं। स्मार्त संप्रदाय का मत है कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि की रात को हुआ था, इसके अनुसार जन्माष्टमी का पर्व 6 सितंबर की रात्रि को ही मनाया जाना चाहिए। वहीं वैष्णण संप्रदाय के लोग उदया तिथि के अनुसार जन्माष्टमी पर्व मनाते हैं, ये स्थिति 7 सितंबर को बन रही है।

काशी और उज्जैन में कब है जन्माष्टमी? 
स्मार्त परंपरा के अनुसार, काशी और उज्जैन आदि स्थानों पर जन्माष्टमी का पर्व स्मार्त परंपरा के अनुसार, 6 सितंबर को मनाया जाएगा। इसी दिन व्रत आदि भी किए जाएंगे। चूंकि 6 सितंबर की रात को ही रोहिणी नक्षत्र का संयोग भी बन रहा है, इसलिए इसी दिन जन्माष्टमी पर्व मनाए जाने को लेकर अधिकांश लोग एकमत हैं।

मथुरा-वृंदावन और इस्कॉन में कब है जन्माष्टमी? (Janmashtami 2023 Date Mathura- Vrindavan)
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मथुरा के बांके बिहारी मंदिर और वृंदावन के कृष्ण मंदिरों में 7 सितंबर, गुरुवार को ही जन्माष्टमी पर्व मनाया जाएगा। इसे लेकर वहां तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं। चूंकि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था, इसलिए जन्माष्टमी का सबसे बड़ा उत्सव यहीं मनाया जाता है। देश में जितने भी इस्कॉन मंदिर हैं, वहां भी जन्माष्टमी का पर्व 7 सितंबर, गुरुवार को मनाया जाएगा। 

ये भी पढ़ें-


10 दिनों तक क्यों मनाया जाता है गणेश उत्सव, क्या जानते हैं आप?


Janmashtami 2023: जन्माष्टमी पर कान्हा को लगाएं इन 5 चीजों का भोग



Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

Read more Articles on
Share this article
click me!