Lohri 2024: हर साल मकर संक्रांति के एक दिन पहले लोहड़ी पर्व मनाया जाता है। आमतौर पर ये पर्व 13 जनवरी को मनाया जाता है, लेकिन इस बार इसकी डेट पर अंतर आ रहा है। जानिए कब मनाएं लोहड़ी और इससे जुड़ी खास बातें…
Lohri 2024 Kab Hai: सिक्ख धर्म में अनेक त्योहार मनाए जाते हैं। लोहड़ी भी इनमें से एक है। देश-दुनिया में जहां भी सिक्ख परिवार रहते हैं, वहां वे ये पर्व जरूर मनाते हैं। लोहड़ी उत्सव हर साल जनवरी में मकर संक्रांति के एक दिन पहले मनाया जाता है। इस मौके पर एक जगह इकट्ठा होते हैं और नाच-गाकर खुशियां मनाते हैं। लोहड़ी उत्सव पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में मुख्य रूप से मनाया जाता है। आगे जानिए इस बार ये पर्व कब मनाया जाएगा और इससे जुड़ी खास बातें…
कब है लोहड़ी 13 या 14 जनवरी को? (Lohri Date 13 Or 14 January 2024)
प्रचलित मान्यता के अनुसार लोहड़ी पर्व मकर संक्रांति के एक दिन पहले मनाया जाता है, जो कि आमतौर पर 13 जनवरी होता है। लेकिन इस बार मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा, ऐसा इसलिए होगा क्योंकि 15 जनवरी की सुबह ही सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा। इसलिए लोहड़ी उत्सव 14 जनवरी को मनाया जाएगा।
क्या आप जानते हैं लोहड़ी का अर्थ (Know the meaning of Lohri)
कहा जाता है कि लोहड़ी में ल का अर्थ है लकड़ी, ओह का अर्थ गोहा यानी उपले, और ड़ी का मतलब रेवड़ी। इन तीनों को मिलाकर बना है लोहड़ी। लोहड़ी में इन तीनों का उपयोग किया जाता है। लोहड़ी पर घर-परिवार और समाज के लोग एक जगह इकट्ठा होकर लकड़ी और उपले से अग्नि जलाते हैं। इस अग्नि में गुड़, मक्का, तिल आदि चीजें डालते हैं । मान्यता है कि ऐसा करने से अग्नि देव खुश होते हैं।
लोहड़ी पर होती है श्रीकृष्ण और अग्निदेव की पूजा (Lohri Puja Vidhi)
- लोहड़ी पर्व में भगवान श्रीकृष्ण और अग्निदेव की पूजा का विधान है। लोहड़ी की शाम को किसी साफ स्थान पर श्रीकृष्ण की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें।
- पहले भगवान को फूल माला पहनाएं। तिलक करें, शुद्ध घी का दीपक लगाएं। इसके बाद विधि-विधान से पूजा कर अपनी इच्छा अनुसार भोग लगाएं।
- श्रीकृष्ण की पूजा के बाद फिर अग्नि जलाएं और इसमें तिल, सूखा नारियल, मक्के के दाने आदि चीजें सर्मपित करें और अग्नि की 7 परिक्रमा करें।
- इस तरह लोहड़ी पर भगवान श्रीकृष्ण और अग्निदेव की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है और हर तरह की परेशानी दूर होती है।
ये भी पढ़ें-
Ram Mandir Ayodhya: भगवान श्रीराम को किसने दिया था ब्रह्मास्त्र?
Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।