Khar Maas Ki Katha: सूर्यदेव को क्यों अपने रथ में लगाने पड़े ‘गधे’, कैसे शुरू हुआ खर मास?

Published : Dec 11, 2023, 04:42 PM IST
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सार

Khar Maas Ki Katha: धर्म ग्रंथों के अनुसार सूर्य का रथ 7 घोड़ों द्वारा खींचा जाता है। लेकिन एक बार ऐसा कुछ हुआ कि सूर्यदेव को अपने रथ में गधों को जोतना पड़ा। इसी से जुड़ी है खर मास की कथा, जो बहुत रोचक है। 

Kab Se Kab Tak Rahega Khar Maas 2023: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब भी सूर्य धनु राशि में प्रवेश करता है तो खर मास शुरू हो जाता है। हर साल ये स्थिति दिसंबर और जनवरी के बीच बनती है। इस बार भी खर मास 16 दिसंबर 2023 से 14 जनवरी 2024 तक रहेगा। हिंदी व्याकरण के अनुसार खर का अर्थ है गधा। खर मास की रोचक कथा भी गधों से जुड़ी हुई है। आगे जानिए क्या है ये कथा…

ये हे खर मास की रोचक कथा (Khar Maas Ki Katha)
मार्कंडेय पुराण के अनुसार, सूर्यदेव अपने 7 घोड़ों के रथ पर सवार होकर निरंतर चलते रहते हैं। एक बार सूर्यदेव के घोड़े चलते-चलते काफी तक गए, उस समय हेमंत ऋतु चल रही थी। पास ही में तालाब देखकर सूर्यदेव के घोड़े पानी पीने लगे, लेकिन सूर्यदेव नहीं रुक सकते थे।
तभी सूर्यदेव को तालाब के किनारे 2 गधे दिखाई दिए। सूर्यदेव ने उन गधों को अपने रथ में जोता और आगे की यात्रा पर निकल गए। इस तरह सूर्यदेव ने अपनी यात्रा जारी रखी। घोड़ों की तुलना में गधों की चाल काफी धीरे थी। 1 महीने तक सूर्यदेव ने अपने रथ में गधों के जोत रखा।
एक महीने बाद जब सूर्यदेव उसी तालाब के निकट पहुंचें तो उनके घोड़ों की थकान गायब हो चुकी थी और वे पानी पीकर पुन: यात्रा के लिए तैयार हो चुके थे। सूर्यदेव ने अपने रथ से गधों को निकाला और फिर से अपने सातों घोड़ों को जोतकर आगे की यात्रा आरंभ की।
जिस महीने में सूर्यदेव ने अपने रथ में गधों को जोता था, वह महीना खर मास कहलाया। इसलिए हर साल जब भी सूर्य धनु राशि में प्रवेश करता तो उसे खर मास कहते हैं। खर का एक पर्यायवाची गधा भी है। इस महीने में शुभ कार्य जैसे विवाह आदि भी नहीं किए जाते हैं।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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