उज्जैनकर जी के अनुसार, सोम यज्ञ में दी जाने वाली खास आहुतियों के कारण इसमें से अग्रि करीब 12 मीटर तक ऊपर उठती है। इसीलिए यज्ञशाला को खुला रखते हुए अधिक उंचाई दी गई है। सोमयज्ञ के लिए कईं खास तरह के वेदियों का निर्माण यहां किया गया है। इस यज्ञ को संप्नन करवाने के लिए 16 विद्वान ब्राह्मण महाराष्ट्र के योगीराज वेदविद्या आश्रम आसरवाड़ी से आएंगे।
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