सार
Shanidev Ki Aarti Vidhi: ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को न्यायाधीश कहा गया है। शनिदेव ही व्यक्ति को उसके अच्छे पुरे कर्मों का फल प्रदान करते हैं। अगर रोज शनिदेव की विधि-विधान से आरती की जाए तो हर तरह की परेशानी दूर हो सकती है।
Kaise Kare Shanidev Ki Aarti: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस पर भी शनिदेव की नजर पड़ती है, उसके बुरे दिन शुरू हो जाते हैं। शनिदेव से बचने के लिए कईं उपाय ग्रंथों में बताए गए हैं। ये उपाय बहुत ही आसान हैं। इन उपायों में शनिदेव की आरती भी शामिल है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, यदि रोज विधि-विधान से शनिदेव की आरती की जाए तो इससे जीवन में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है। आगे जानिए कैसे करें शनिदेव की आरती…
इस विधि से करें शनिदेव की आरती
- वैसे तो शनिदेव की आरती रोज सुबह करनी चाहिए लेकिन यदि समय न हो तो शाम को भी आरती कर सकते हैं।
- शनिदेव की आरती करने से पहले पूरी तरह स्वच्छ हो जाएं। संभव हो तो स्नान भी कर लें और साफ कपड़े पहनें।
- शनिदेव की आरती सरसों के तेल से करनी चाहिए। यदि सरसों का तेल न हो तो किसी अन्य तेल से आरती करें।
- सबसे पहले शनिदेव की प्रतिमा या चित्र को एक साफ स्थान पर स्थापित करें और विधि-विधान से पूजा करें।
- शनिदेव को काले तिल, काला कपड़ा, नीले फूले आदि चीजें एक-एक करके चढ़ाएं। इसके बाद आरती करें।
शनिदेव की आरती लिरिक्स हिंदी में (Shanidev Aarti Lyrics in Hindi)
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ।
सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥
श्याम अंक वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी ।
नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥
क्रीट मुकुट शीश रजित दिपत है लिलारी ।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥
मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी ।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥
देव दनुज ऋषि मुनि सुमरिन नर नारी ।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥
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Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो ज्योतिषियों द्वारा बताई गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।