9 जनवरी को करें मंगल प्रदोष और मासिक शिवरात्रि व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र सहित पूरी डिटेल

9 जनवरी 2024 का दिन बहुत ही खास है क्योंकि इस दिन भगवान शिव से संबंधित 2 व्रत एक दिन किए जाएंगे। ये व्रत हैं मंगल प्रदोष और मासिक शिवरात्रि। जानें इन दोनों व्रतों की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त…

 

Manish Meharele | Published : Jan 8, 2024 8:42 AM IST

धर्म ग्रंथों के अनुसार, हर महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत और चतुर्दशी तिथि पर मासिक शिवरात्रि का व्रत किया जाता है। जनवरी 2024 में ये दोनों व्रत एक ही दिन यानी 9 जनवरी को किए जाएंगे। कारण है ये कि 9 जनवरी को ये दोनों तिथि एक ही दिन पड़ रही है। आगे जानिए 9 जनवरी को कौन-से शुभ योग बनेंगे, दोनों व्रतों की पूजा विधि व शुभ मुहूर्त आदि डिटेल…

1 ही दिन 2 व्रत कैसे?
पंचांग के अनुसार, 9 जनवरी, मंगलवार को पौष मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि रात 10 बजे तक रहेगी, इसके बाद चतुर्दशी तिथि रात अंत तक रहेगी। दिन में त्रयोदशी तिथि होने से इस दिन प्रदोष व्रत और रात में चतुर्दशी तिथि होने से मासिक शिवरात्रि का व्रत किया जाएगा। इस दिन वृद्धि, ध्रुव और बुधादित्य नाम के शुभ योग बनेंगे।

प्रदोष और मासिक शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त
9 जनवरी, मंगलवार की शाम 05:41 से 08:24 के बीच मंगल प्रदोष की पूजा का शुभ रहेगा। वहीं मासिक शिवरात्रि व्रत का शुभ मुहूर्त रात के चारों पहर में अलग-अलग रहेगा।

इस विधि से करें मंगल प्रदोष व्रत
- प्रदोष तिथि मंगलवार को होने से ये मंगल प्रदोष कहलाएगा। मंगलवार की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें और व्रत-पूजा का संकल्प लें।
- दिन भर शिवजी के मंत्र का जाप करते रहें। बुरे विचार मन में न लाएं और किसी का बुरा न करें। शाम को शुभ मुहूर्त में शिवजी की पूजा करें।
- एक साफ स्थान पर शिवजी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। पहले शुद्ध घी का दीपक जलाएं। शिवजी को फूल माला पहनाएं, कुमकुम से तिलक करें।
- इसके बाद शिवलिंग पर एक-एक करके बिल्व पत्र, धतूरा रोली, अबीर, चावल आदि चीजें चढ़ाएं। अपनी इच्छा अनुसार भगवान को भोग लगाएं।
- विधि-विधान से पूजा करने और भोग लगाने के बाद भगवान शिव की आरती करें। इस तरह पूजा करने से आपकी हर इच्छा पूरी हो सकती है।

इस विधि से करें मासिक शिवरात्रि का व्रत (Masik Shivratri Puja Vidhi)
- जो लोग मासिक शिवरात्रि का व्रत करना चाहते हैं वो 9 जनवरी, मंगलवार की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें और व्रत-पूजा का संकल्प लें।
- शिवरात्रि व्रत की पूजा रात के चारों पहर में चार बार की जाती है। रात के पहले पहर में शिवलिंग स्थापित कर फूल आदि चढ़ाएं।
- शुद्ध घी का दीपक जलाएं। शिवलिंग का पंचामृत और फिर जल से अभिषेक करें। अबीर, गुलाल, रोली, बिल्व पत्र, धतूरा आदि चीजें चढ़ाएं।
- इसी प्रकार अन्य तीन प्रहर में भी शिवजी की पूजा करें। चौथे प्रहर की पूजा के बाद आरती कर भोग लगाएं। इस व्रत से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।

भगवान शिव की आरती (Shiv ji Ki aarti)
जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा ॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे ।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥


ये भी पढ़ें-

Ram Mandir Ayodhya: न जा पाएं अयोध्या तो घर पर ही करें ये 7 काम


Makar Sankranti 2024 Kab Hai: 14 या 15 जनवरी, कब है मकर संक्रांति, क्यों आ रहा इस पर्व की डेट में अंतर?


Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

Share this article
click me!