सार

Makar Sankranti 2024 Date: आमतौर पर मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाता है, लेकिन इस बार इस पर्व की डेट को लेकर कन्फ्यूजन की स्थिति बन रही है। ऐसी स्थिति क्यों बन रही है, जानिए इसका कारण।

 

Kab Hai Makar Sankranti 2024: मकर संक्राति हर साल 14 जनवरी को मनाई जाती है। ये हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। ये एकमात्र ऐसा त्योहार है जो तारीख देखकर मनाया जाता है, न कि तिथि देखकर। साल 2024 में मकर संक्रांति की डेट को लेकर लोगों के मन में कन्फ्यूजन की स्थिति बन रही है। ये स्थिति क्यों बन रही है? आगे जानिए इसका कारण…

क्यों मनाते हैं मकर संक्रांति? (Kyo Manate Hai Makar Sankranti)
मकर संक्रांति पर्व मनाने के पीछे कोई धार्मिक नहीं बल्कि वैज्ञानिक कारण छिपा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य हर 30 दिन में राशि बदलता है। जब सूर्य एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो इसे संक्रांति कहते हैं। इसी तरह जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है तो इसे मकर संक्रांति कहते हैं। आमतौर पर 14 जनवरी को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है।

इस बार कब है मकर संक्रांति?
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, साल 2024 में सूर्य 15 जनवरी, सोमवार की सुबह धनु से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेगा। इसलिए उदया तिथि के अनुसार इसी दिन मकर संक्रांति पर्व से संबंधित दान, उपाय, पूजा आदि किया जाएगा।

क्यों आ रहा है मकर संक्रांति की डेट में अंतर?
ज्योतिषी गणना के अनुसार, सूर्य हर महीने राशि बदलता है। एक राशि की गणना 30 अंश की होती है। सूर्य एक अंश की लंबाई 24 घंटे में पूरी करता है। यानी एक राशि से दूसरी राशि में जाने के लिए सूर्य को 30 दिन का समय लगता है। हर 71-72 साल में सूर्य की गति में परिवर्तन होता है, जिससे इसके राशि परिवर्तन के समय में 1 दिन का अंतर आने लगता है। यही कारण है कि हर 71-72 साल के बाद मकर संक्रांति का पर्व एक दिन आगे बढ़ जाता है।

पहले 12-13 जनवरी को मनाते थे मकर संक्रांति
ज्योतिष गणनाओं के अनुसार, पहले कभी मकर संक्रांति का पर्व 12-13 जनवरी को भी मनाया जाता था, इसका प्रमाण है कि स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1862 को हुआ था और उसी दिन मकर संक्रांति का पर्व भी था। इस गणना से देखा जाए तो निकट भविष्य में मकर संक्रांति 15 जनवरी को ही मनाई जाने लगेगी।


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