Friendship day 2024: भगवान श्रीकृष्ण के मंदिरों में अक्सर उनके साथ राधा या रुक्मिनी की पूजा होती है, लेकिन एक मंदिर ऐसा भी है, जहां श्रीकृष्ण के साथ सुदामा की पूजा होती है। इस मंदिर को श्रीकृष्ण-सुदामा की दोस्ती की मिसाल कहा जाता है।
Shrikrishna-sudama Mandir Kaha Hai: हर साल अगस्त महीने के पहले रविवार को फ्रेंडशिप डे के रूप में मनाया जाता है। इस बार फ्रेंडशिप डे 4 अगस्त को है। इस दिन को सभी दोस्त मिलकर सेलिब्रेट करते हैं। वैसे तो दुनिया में दोस्ती की कई मिसालें हैं, लेकिन इनमें एक जगह ऐसी भी है जो द्वापर युग से सच्ची दोस्ती की गवाही दे रही है। यहां पर भगवान श्रीकृष्ण के साथ राधा या रुक्मिनी नहीं बल्कि सुदामा की पूजा की जाती है। आगे जानिए कहां है ये जगह…
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कहां होती है श्रीकृष्ण साथ सुदामा की पूजा?
मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में महिदपुर तहसील के निकट एक गांव हैं नारायणा। इस जगह का संबंध भगवान श्रीकृष्ण और उनके परम मित्र सुदामा से है। यहां एक मंदिर है, जिसमें श्रीकृष्ण के साथ सुदामा की प्रतिमा स्थापित है। रोज हजारों लोग यहां दर्शन करने आते हैं। लोग इसे श्रीकृष्ण-सुदामा की दोस्ती का प्रतीक मानते हैं। जन्माष्टमी आदि विशेष मौकों पर यहा खास पूजा भी की जाती है।
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क्यों खास है ये मंदिर?
कंस का वध करने के बाद भगवान श्रीकृष्ण अपने बड़े भाई बलराम के साथ शिक्षा प्राप्त करने के लिए उज्जैन स्थित गुरु सांदीपनि के आश्रम आए थे। यहां उनकी मित्रता सुदामा से हुई। एक बार गुरु माता ने श्रीकृष्ण और सुदामा को लकड़ियां लाने के लिए जंगल भेजा, तभी तेज बारिश शुरु हो गई। रात होने के कारण श्रीकृष्ण-सुदामा को रात जंगल में ही बितानी पड़ी। मान्यता है कि नारायणा ही वह स्थान हैं जहां श्रीकृष्ण और सुदामा ने रात्रि विश्राम किया था।
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आज भी रखें हैं लकड़ी के गठ्ठर
नारायणा गांव श्रीकृष्ण-सुदामा मंदिर में आज भी लकड़ियों का एक गठ्ठर रखा हुआ है। कहते हैं कि ये वही लकड़ी का गठ्ठर है, जो श्रीकृष्ण-सुदामा ने आश्रम ले जाने के लिए इकट्ठा की जाती है, लेकिन बारिश के कारण ले जा नहीं पाए थे। स्थानीय लोग इसे कृष्ण-सुदामा धाम भी कहते हैं और कुछ लोग इसे मित्रता का मंदिर भी कहते हैं।
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कैसे पहुंचें यहां?
श्रीकृष्ण सुदामा मंदिर आने के लिए आपको सबसे पहले उज्जैन आना होगा। यहां से महिदपुर तहसील लगभग 35-40 दूर है। महिदपुर तहसील के करीब 9 किमी दूर श्रीकृष्ण सुदामा मंदिर। उज्जैन आकर आप प्रायवेट टैक्सी से यहां तक आसानी से पहुंच सकते हैं। या फिर आप बस के द्वारा महिदपुर पहुंचकर पैदल या अन्य वाहन से भी यहां आसानी से पहुंच सकते हैं।